देश का सबसे लंबा केबल-आधारित पुल राष्ट्र को समर्पित
द्वारका-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बने सुदर्शन सेतु को राष्ट्र को समर्पित किया। यह देश का सबसे लंबा लगभग 2.32 किमी लंबा केबल-आधारित पुल है।
सुदर्शन सेतु का निर्माण एक अद्वितीय डिजाइन पर आधारित है, जिसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान श्री कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक फुटपाथ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है। यह पुल परिवहन को आसान बनाएगा और द्वारका और बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के दर्शन में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा। पुल के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। यह प्रतिष्ठित पुल देवभूमि द्वारका का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी होगा।
प्रधानमंत्री ने दिन में पहले सुदर्शन सेतु के लोकार्पण का उल्लेख किया और 6 साल पहले इसकी आधारशिला रखने को भी याद किया। उन्होंने बताया कि पुल ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ेगा, जिससे द्वारकाधीश के दर्शन के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और क्षेत्र की दिव्यता का भी विस्तार होगा। उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने के विश्वास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह मोदी की गारंटी है।’’ सुदर्शन सेतु को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताते हुए, प्रधानमंत्री ने उद्घाटन पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए इंजीनियरिंग वर्ग से पुल और इसकी तकनीकी विशेषताओं का विश्लेषण करने का आह्वान किया।
बेट द्वारका के नागरिकों की कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के निवासियों और श्रद्धालुओं को फेरी बोट पर निर्भर रहना पड़ता था और समुद्र में उच्च ज्वार आने पर फेरी बोट सेवा बंद हो जाती थी उस समय यहा के निवासियों और श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी होती थी उन्हें लंबे सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि जब में मुख्यमंत्री था तो यहां के साथी मेरे पास आते थे और इस पुल के लिए अनुरोध करते थे। गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने यह कार्य पूर्ण किया है प्रधानमंत्री ने श्री भूपेन्द्र पटेल की सराहना की।