नवदीप,सिमरन और गवित दिलीप पर है स्वर्ण पदक लाने का दबाव
शनिवार है भारत के लिए महत्वपूर्ण
नई दिल्ली-एथलेटिक स्पर्धाओं में भारत की स्थिति वैश्विक तौर पर कुछ ख़ास नहीं रही है लेकिन पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाडियों बड़े संकेत दिए हैं।भारत ने अभी तक कुल रिकॉर्ड 27 पदक जीते हैं। जिसमे 15 पदक एथलेटिक स्पर्धाओं से आये हैं । कुल जीते 6 स्वर्ण में तीन एवं 9 रजत पदक में 6 एथलीटों ने जीते हैं । अब पैरालंपिक के अंत में शनिवार को भारत तीन एथलीट तीन अलग अलग एथलेटिक स्पर्धाओं के फाइनल में अपनी ताकत दिखायेंगे।
शनिवार देर रात को सबसे पहले नई दिल्ली के युवा पैरा एथलीट नवदीप पेरिस पैरालंपिक 2024 के पुरुष भाला फेंक - F41 स्पर्धा के फाइनल में इतिहास रचने की पूरी कोशिश करेंगे। उधर दृष्टिबाधित एथलीट सिमरन 200 मीटर दौड़ T12 के फाइनल में इतिहास रचने उतरेंगी।उन का संघर्ष और समर्पण उन्हें एक महान एथलीट बनाता है, और उनका सफर भारत के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वहीँ गवित दिलीप महादू 400 मीटर T47 रेस के फाइनल में देश का नाम रोशन करेंगे।
नवदीप रच सकते हैं इतिहास
नवदीप ने 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में 40.80 मीटर भाला फेंक कर चौथा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद, 2024 में कोबे, जापान में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने 42.82 मीटर के शानदार थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था। इससे पहले 2022 के एशियन पैरालंपिक खेलों में हांग्जो, चीन में भी उन्होंने भाला फेंक स्पर्धा में 40.48 मीटर फेंक कर चौथा स्थान प्राप्त किया था।पेरिस पैरालंपिक में नवदीप से बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि उन्होंने अपनी तकनीक और प्रदर्शन में निरंतर सुधार किया है। उनका 2024 विश्व चैंपियनशिप का कांस्य पदक यह दर्शाता है कि वे शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।उनके पिता दलबीर सिंह, जो खुद राष्ट्रीय स्तर के कुश्ती खिलाड़ी रहे हैं, नवदीप के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। उनका समर्थन और नवदीप का समर्पण उन्हें भविष्य में और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
सिमरन का पैरा एथलेटिक्स में विशेष स्थान
नई दिल्ली की 24 वर्षीय सिमरन भारत की एक प्रमुख पैरा एथलीट हैं, जिन्होंने अपनी अनुशासन, समर्पण और संघर्ष से भारतीय पैरा एथलेटिक्स में विशेष स्थान हासिल किया है। उनका खेल वर्ग T12 है, जो दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के लिए होता है। उन्होंने 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में हिस्सा लिया और 100 मीटर T13 इवेंट में 12.69 सेकंड का समय निकालकर 11वां स्थान प्राप्त किया।
मुख्य उपलब्धियाँ
- 2024 वर्ल्ड चैंपियनशिप (कोबे, जापान): 200 मीटर T12 इवेंट में 24.95 सेकंड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- 2022 एशियन पैरा गेम्स (हांग्जो, चीन): 100 मीटर T12 और 200 मीटर T12 में रजत पदक हासिल किया।
शारीरिक चुनौतियाँ और चोटें: सिमरन ने अपने करियर में कई चोटों का सामना किया है, जिसमें 2020 पैरालंपिक से पहले हुई हैमस्ट्रिंग चोट और 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले हुई जांघ की चोट शामिल हैं। इन कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने निरंतर बेहतर प्रदर्शन किया और कई पदक अपने नाम किए।
परिवार और कोचिंग:
सिमरन के पति, गजेन्द्र सिंह, उनके कोच भी हैं। उन्होंने 2015 में अपने पति के साथ प्रशिक्षण शुरू किया और तभी से दोनों ने मिलकर खेल में उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है। उनके पति का समर्थन और मार्गदर्शन उनके लिए प्रेरणास्रोत रहा है।
सम्मान और पुरस्कार:
2020 में सिमरन को FICCI Turf इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड्स में 'फीमेल पैरा एथलीट ऑफ द ईयर' का खिताब दिया गया। इसके अलावा, उन्हें 2024 में उत्तर प्रदेश राज्य में रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
लक्ष्य:
सिमरन का लक्ष्य 2024 पेरिस पैरालंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक जीतना है। वह अपने खेल के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं और अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।
प्रारंभ और प्रेरणा:
सिमरन की माँ ने उन्हें बचपन में एक पार्क में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया था, और कॉलेज के दिनों में उनके दोस्तों ने उन्हें दौड़ में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
गवित दिलीप महादू पर पुनः स्वर्ण जीतने का दबाव
गवित दिलीप महादू को उनकी कठिन मेहनत और लगन ने उन्हें इस प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में खड़ा किया है । दिलीप का पिछला प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने 2022 एशियन पैरा गेम्स में पुरुषों की 400 मीटर T47 रेस में 49.48 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता था। दिलीप ने इससे पहले 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में चौथा स्थान प्राप्त किया था, जहां उन्होंने 400 मीटर T47 रेस में 49.08 सेकंड का समय लिया था। 8 सितंबर को उनका फाइनल मुकाबला होने वाला है, और उनका सपना है कि वे पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतें।
गवित दिलीप का जन्म 21 अप्रैल 2003 को नासिक, महाराष्ट्र, भारत में हुआ। वे वर्तमान में 21 वर्ष के हैं और पुणे विश्वविद्यालय में विजुअल आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे हैं। दिलीप को 'VDK एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है, जो उन्हें बचपन में उनके क्लब द्वारा दिया गया था जब उन्होंने कई दौड़ में जीत हासिल की। उनके कोच वैनाथ काले, जिन्होंने उन्हें एक स्कूल प्रतियोगिता के दौरान खोजा था, दिलीप के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। काले ने उन्हें अपने स्पोर्ट्स फाउंडेशन में प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें कानूनी रूप से भी गोद लिया है। दिलीप ने 14 साल की उम्र में एथलेटिक्स की शुरुआत की और वर्तमान में 20 घंटे प्रति सप्ताह प्रशिक्षण लेते हैं।
उनके आदर्श भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा और पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगी नीरज चोपड़ा हैं। दिलीप की सबसे यादगार प्रतियोगिता 2022 एशियन पैरा गेम्स में थी, जहाँ उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
स्रोत-olympics.com,PIB
फोटो क्रेडिट-फेसबुक, x.COM