चंडीगढ़ में बायोमास आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
चंडीगढ़, 5 सितंबर, 2024: आज चंडीगढ़ के एमजीएसआईपीए कॉम्प्लेक्स में "बायोमास आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन: चुनौतियां, अवसर और विकास" पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य देश में बायोमास आपूर्ति श्रृंखला के कुशल प्रबंधन से संबंधित चुनौतियों और अवसरों को समझना और उन्हें हल करने के उपाय तलाशना था। इसका आयोजन सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान (एसएसएस-एनआईबीई), कपूरथला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया गया।
संगोष्ठी का उद्देश्य और प्रमुख बिंदु
इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारत में चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बायोमास आपूर्ति श्रृंखलाओं को सशक्त बनाना और इसके लिए सहयोग एवं ज्ञान साझा करना था। इसमें विभिन्न सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, उद्यमियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। संगोष्ठी में बायोमास प्रबंधन की प्रासंगिकता, चुनौतियों और अवसरों पर गहन चर्चा की गई।
प्रमुख वक्ताओं की राय
मुख्य अतिथि सतीश उपाध्याय, मिशन निदेशक, समर्थ ने अपने संबोधन में बायोमास आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को मांग-पक्ष से देखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बायोमास के व्यापक उपयोग और पर्यावरणीय लाभों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसे विद्युत उत्पादन में सफलतापूर्वक शामिल किया जा रहा है।
पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के कार्यकारी निदेशक, प्रीतपाल सिंह ने बायोमास भंडारण की चुनौतियों और इसकी कुशल आपूर्ति के लिए आधुनिक बायोएनेर्जी मार्गों के उपयोग पर जोर दिया।
डॉ. जी. श्रीधर, महानिदेशक, एसएसएस-एनआईबीई ने बायोमास आपूर्ति श्रृंखलाओं के महत्व पर प्रकाश डाला और जैव ऊर्जा कार्यक्रमों की सफलता में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
संगोष्ठी के सत्र और निष्कर्ष
संगोष्ठी के दौरान कई सत्र आयोजित किए गए, जिनमें बायोमास आपूर्ति प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें बायोमास की कुशल आपूर्ति के लिए नवीन समाधान और प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर विशेष जोर दिया गया।
एसएसएस-एनआईबीई का परिचय
सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान (एसएसएस-एनआईबीई) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान है, जिसका उद्देश्य जैव-ऊर्जा के क्षेत्र में नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास और प्रोत्साहन है।
स्रोत-PIB