कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए कोयला मंत्रालय को वित्तीय प्रोत्साहन योजना में उद्योग जगत की मजबूत भागीदारी प्राप्त
2030 तक 100 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य
नई दिल्ली, 12 नवम्बर 2024: कोयला मंत्रालय (एमओसी) को कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन योजना में उद्योग जगत से मजबूत प्रतिक्रिया मिली है। यह योजना भारत के स्वच्छ और कम कार्बन ऊर्जा भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस योजना के तहत, 8,500 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रतिबद्धता के साथ, 2030 तक 100 मिलियन टन (एमटी) कोयला गैसीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कोयला मंत्रालय ने 11 नवम्बर 2024 तक श्रेणी-I और III के लिए आवेदन प्राप्त किए, जिनमें श्रेणी-I में तीन आवेदन (सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या पीएसयू के संयुक्त उद्यम) और श्रेणी-III में दो आवेदन (प्रदर्शन परियोजनाएं/लघु-स्तरीय संयंत्र) शामिल हैं। यह प्रतिक्रिया कोयला गैसीकरण के प्रति बढ़ते विश्वास और उद्योग की स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में निवेश करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस अवसर पर, अतिरिक्त सचिव (कोयला मंत्रालय) श्रीमती विस्मिता तेज ने इस पहल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और आश्वस्त किया कि मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ मिलकर एक सतत और स्वच्छ भविष्य के लिए काम करेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना के माध्यम से कोयला मंत्रालय भारत के ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
साथ ही, श्रेणी-II (निजी कंपनियां और सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) के लिए आवेदन की समय सीमा 10 जनवरी 2025 तक बढ़ा दी गई है। मंत्रालय ने इस श्रेणी में भी अधिक उद्योग भागीदारी की उम्मीद जताई है।
कोयला मंत्रालय का यह कदम भारत के ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु लक्ष्यों की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे देश को कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों के साथ आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।