वैज्ञानिकों ने सुपरनोवा के भौतिक गुणों को समझा

वैज्ञानिकों ने सुपरनोवा के भौतिक गुणों को समझा

वैज्ञानिकों की एक टीम ने टाइप आईबीएन सुपरनोवा (एसएनई) नामक दुर्लभ वर्ग के सुपरनोवा के भौतिक गुणों (विशेषताओं) को समझ लिया है।

टाइप आईबीएन सुपरनोवा रेखित आवरण वाली (स्ट्रिप्ड-एनवलप) सुपरनोवा का एक दुर्लभ वर्ग है जो हीलियम-समृद्ध घने परिस्थितिजन्य माध्यम (सीएसएम) के साथ सम्पर्क करता है। ये एसएनई अद्वितीय और आवश्यक हैं क्योंकि ये आस-पास के एसएन पर्यावरण के विशिष्ट घनत्व, वेग और संरचना के बारे में पता लगाने में सहायता करते हैं।

वे उन सामान्य सुपरनोवा (एसएनई) की तुलना में अधिक चमकदार होते हैं, जिनमें विशाल तारकीय विस्फोट होते हैं और जो अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा भी छोड़ते हैं। एसएन 2019वेप ऐसे बहुत ही दुर्लभ एसएनई में से एक है जिसके लिए तत्क्षण (फ्लैश) आयनीकरण संकेतों का पता लगाने के बाद उनकी भौतिक विशेषताओं को समझने के लिए एक दीर्घकालिक निगरानी अभियान शुरू किया गया था। यह एक अनूठा अध्ययन है जिसमें पर्यावरण अध्ययन के साथ-साथ एसएन गुणों की भी जांच की जाती है।

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान, आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज- ऐरीज–एआरआईईएस), हिरोशिमा विश्वविद्यालय, जापान और लास कंब्रेस ऑब्जर्वेटरी, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के तहत शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एसएन 2019 डब्ल्यूईपी (वैप) की भौतिक विशेषताओं को समझा है।

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शोधकर्ताओं ने एसएन 2019डब्ल्यूईपी (वैप) के शुरुआती वर्णक्रम (स्पेक्ट्रा) में तत्क्षण (फ्लैश) आयनीकरण के दुर्लभ संकेतों की पहचान की है। ये दुर्लभ संकेत (हस्ताक्षर) तारकीय विकास के उन्नत चरणों में बहुत गर्म और विशाल सितारों के एक ऐसे विशेष वर्ग की ओर संकेत करते हैं  जिसमें हाइड्रोजन की कमी होती है और जिसे वुल्फ-रेयेट मूल (प्रोजेनिटर) सितारा कहा जाता है।  विशेष रूप से हीलियम के तत्क्षण (फ्लैश) आयनीकरण के शुरुआती संकेतों (हस्ताक्षरों) के  पहले कुछ एसएनई में ज्यादातर सीएसएम अपने पुनर्संयोजन के कारण खोजे गए थे।

ऐरीज– एआरआईईएस (वर्तमान में हिरोशिमा विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर) में एक पूर्व शोध विद्वान अंजशा गंगोपाध्याय (वर्तमान में हिरोशिमा विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर) और ऐरीज–एआरआईईएस के ही वैज्ञानिक कुंतल मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम ने भौतिक विशेषताओं को समझने वाले प्रकाशिक (ऑप्टिकल) वेवबैंड में अद्वितीय कार्बन और नाइट्रोजन संकेतों (हस्ताक्षर) का पता लगाया।

द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में बताए गए  एसएन आईबीएनएस कुछ अनूठे ही हैं जो एक संक्रमणशील प्रकृति और अवशिष्ट एच-अल्फा को दर्शाते हैं। सामान्य रूप से  एसएन आईबीएनएस से केवल हीलियम (एचई) गुणों (विशेषताओं) को प्रदर्शित करने की आशा  की जाती है लेकिन यह एक ऐसा मामला है जिसमें हम कुछ एसएन वर्णक्रमों (स्पेक्ट्रा) में अवशिष्ट एच-अल्फा देख सकते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि एसएन आईबीएनएस मुख्य रूप से अल्प–कालिक जीवन अवधि वाले होते हैं और इनके लिए समर्पित अनुवर्ती अभियान टाइप आईबीएन वर्ग के अद्वितीय सदस्यों और उनके मूल सितारों के रहस्यों को जानने में सहायक बनेंगे।

प्रकाशन : अंजशा गंगोपाध्याय ईटीएएल.2022 एपीजे 930 127

प्रकाशन लिंक : https://iopscience.iop.org/article/10.3847/1538-4357/ac6187

अधिक जानकारी के लिए  कृपया इनसे संपर्क करें: अंजशा गंगोपाध्याय ([email protected]), कुंतल मिश्रा ([email protected]) ।

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