आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग में काफी वृद्धि : डॉ. भारती

आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग में काफी वृद्धि : डॉ. भारती

नई दिल्ली- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्‍याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय परिवार नियोजन शिखर सम्मेलन 2022 की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव राजेश भूषणस्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त सचिव रोली सिंह भी उपस्थित रहीं।

राष्ट्रीय परिवार नियोजन शिखर सम्मेलन में बोलते हुए डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि  भारत परिवार नियोजन के महत्व को जल्दी ही समझ गया और 1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। हमने तब से एक लंबा सफर तय किया है, परिवार नियोजन सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास करते हुए खुशी हो रही है कि नवीनतम सर्वेक्षण रिपोर्टों के अनुसार भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है, जिसमें 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 या उससे कम की कुल प्रजनन दर हासिल की है। यह जानकर खुशी हो रही है कि आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग काफी हद तक बढ़कर 56.5% हो गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 भी अंतर के तरीकों की ओर एक समग्र सकारात्मक बदलाव दिखाता है जो मातृ और शिशु मृत्यु दर और रुग्णता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में सहायक होगा।

 सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, केन्‍द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि भारत ने FP2030 साझेदारी का एक सदस्य होने के नाते, साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में परिवार नियोजन में 3 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया है। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि आठ वर्षों के कार्यकाल (2012- 2020 से) के दौरान, भारत ने आधुनिक गर्भ निरोधकों के लिए 1.5 करोड़ से अधिक अतिरिक्त उपयोगकर्ता जोड़े जिससे आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग में काफी वृद्धि हुई। भारतीय संदर्भ में जनसंख्या और विकास पर बहस अध्ययन के लिए दिलचस्प रही है और यह हमारी जनसंख्या नीतियों में परिलक्षित होती है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई बार इस मुद्दे को संबोधित किया है और सक्रिय रूप से जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरूकता पैदा की है।

साथियों, मेरी राय में, जनसंख्या को बल द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, यह केवल जागरूकता है कि हम सीमित मात्रा में संसाधनों को साझा करने से जनसंख्या को कम करने में मदद मिलेगी। जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियां भी तैयार की गई हैं।

 

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