सौर ऊर्जा में 500 करोड़ रुपये के नवाचार परियोजनाओं को मिला बढ़ावा
सौर ऊर्जा के व्यापार मॉडल और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम सुधार
भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और आवासीय घरों को अपनी बिजली खुद उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे वित्तीय वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाना है। 8 अक्टूबर 2024 को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना के तहत एक प्रमुख घटक ‘नवाचार परियोजनाओं’ के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस रिपोर्ट में योजना की विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी करना और अधिक से अधिक घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना है। इससे न केवल ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ेगी, बल्कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता भी कम होगी। योजना के तहत आवासीय क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप प्रणाली को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली की लागत में कमी का लाभ मिलेगा और घरों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
नवाचार परियोजनाओं का महत्व
इस योजना के 'नवाचार परियोजनाओं' घटक के तहत, नवीनतम सौर प्रौद्योगिकियों, व्यापार मॉडलों और एकीकरण तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये की निधि निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य ऐसी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना है, जो सौर ऊर्जा को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक प्रभावी और उपयोगी बना सकें। इसमें उभरते समाधान जैसे ब्लॉकचेन-आधारित पीयर-टू-पीयर सोलर ट्रेडिंग, स्मार्ट सामग्री, इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी स्टोरेज के साथ एकीकृत छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
नवाचार परियोजनाओं का वित्तीय सहयोग
नवाचार परियोजनाओं के तहत चुनी गई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता के रूप में उनकी कुल परियोजना लागत का 60% या अधिकतम 30 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इससे स्टार्टअप, संस्थान और उद्योगों को सौर ऊर्जा में उभरती तकनीकों को अपनाने और नवाचार में योगदान करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
संस्थान और उद्योगों को सहायता
योजना का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स और उद्योगों को सौर ऊर्जा के नवाचार में सहयोग करना है। इससे नवीनतम तकनीकों को तेजी से अपनाया जा सकेगा और आवासीय तथा वाणिज्यिक क्षेत्रों में उनकी पहुंच बढ़ाई जा सकेगी। यह घटक न केवल घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी में योगदान देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की स्थिति मजबूत करेगा।
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) की भूमिका
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) इस योजना के नवाचार परियोजना घटक के लिए योजना कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) के रूप में कार्य करेगा। NISE यह सुनिश्चित करेगा कि योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन हो, निधियों का सही उपयोग हो और समय-समय पर परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाए। इसके अलावा, वह समय-समय पर आवश्यक सुधार और निर्देश जारी करेगा ताकि नवाचार परियोजनाओं को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान प्रोत्साहन
भारत सरकार इस योजना के तहत संयुक्त अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी। यह सौर ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को गति देने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वैश्विक नवाचार और तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान किया जा सकेगा। इसके लिए मंत्रालय विभिन्न विशेषज्ञों, संस्थानों और उद्योगों से सहयोग करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करेगा।
ब्लॉकचेन-आधारित पीयर-टू-पीयर सोलर ट्रेडिंग
योजना के नवाचार घटक में ब्लॉकचेन-आधारित पीयर-टू-पीयर सोलर ट्रेडिंग जैसी नई अवधारणाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस प्रणाली के तहत, उपभोक्ता अपनी अधिशेष ऊर्जा को अन्य उपभोक्ताओं के साथ साझा कर सकते हैं। इससे न केवल ऊर्जा की बर्बादी कम होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को अपनी सौर ऊर्जा का लाभ उठाने का अवसर भी मिलेगा।
स्मार्ट सामग्री और बैटरी स्टोरेज के साथ सोलर इंटीग्रेशन
स्मार्ट सामग्री और बैटरी स्टोरेज के साथ सोलर इंटीग्रेशन को भी इस योजना में प्राथमिकता दी गई है। यह तकनीक न केवल ऊर्जा उत्पादन में सुधार करेगी, बल्कि इसे लंबे समय तक सहेजने में भी सहायक सिद्ध होगी। इस तरह के नवाचार पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।
वार्षिक पुरस्कार योजना
नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा वार्षिक पुरस्कार योजना की भी शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत श्रेष्ठ नवाचार परियोजनाओं को 1 करोड़ रुपये तक के पुरस्कार दिए जाएंगे। इससे न केवल नवीन तकनीकों को पहचान मिलेगी, बल्कि अन्य संस्थानों को भी नवाचार में सहयोग करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
आगे की योजना और क्रियान्वयन
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के दिशा-निर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि परियोजनाओं का कार्यकाल 18 महीने तक होगा, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है। मंत्रालय द्वारा चयनित परियोजनाओं का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाएगा और योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की असुविधा होने पर आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इससे न केवल ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और कार्बन फुटप्रिंट में कमी में भी इस योजना का योगदान महत्वपूर्ण होगा।
स्रोत-PIB