कोयला उत्पादन में 5.85% की वृद्धि
देश की ऊर्जा सुरक्षा को मिला नया बल
नई दिल्ली- देश के कोयला उत्पादन में वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में कोयला उत्पादन 68.94 मिलियन टन (एमटी) तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में हुए 67.26 एमटी उत्पादन से 2.49% अधिक है। इसके अलावा, कुल कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान (सितंबर 2024 तक) 453.01 एमटी (अनंतिम) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 427.97 एमटी था, जिससे 5.85% की वृद्धि का संकेत मिलता है।
कोयला डिस्पैच में भी वृद्धि
सिर्फ उत्पादन ही नहीं, कोयले के डिस्पैच में भी वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर 2024 में कोयला डिस्पैच 4.35% बढ़कर 73.37 एमटी तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 70.31 एमटी था। वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती छह महीनों में कुल कोयला डिस्पैच 487.87 एमटी तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 462.27 एमटी था। यह 5.54% की वृद्धि को दर्शाता है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कोयला स्टॉक में भी सुधार
कोयले के उठान में वृद्धि से डीसीबी (डिजाइन कंडीशनल बॉडी) में कोयला स्टॉक की स्थिति में भी सुधार हुआ है। 29 सितंबर 2024 को कुल कोयला स्टॉक 33.46 एमटी (अनंतिम) रहा, जो पिछले साल 22.15 एमटी था। यह 51.07% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है, जिससे यह साबित होता है कि कोयले की आपूर्ति में लगातार सुधार हो रहा है।
ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
कोयला मंत्रालय देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने और डिस्पैच को अधिकतम स्तर पर लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उत्पादन और डिस्पैच दोनों में वृद्धि से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिली है और यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।