अमेरिका से सस्ता iPhone खरीदने पर हो सकती है भयंकर दिक्कत
अमेरिका से iPhone खरीदने से पहले नेटवर्क और वारंटी के ये 5 महत्वपूर्ण बिंदु जानें
भारत और अमेरिका में iPhone के दाम में भारी अंतर को देखते हुए काफी लोग अमेरिका से ही इस मोबाइल को खरीदने कि जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। भारत और अमेरिका में दाम में लगभग 44 फीसद तक के अंतर को देखते हुए बहुत से लोग इसे अमेरिका से खरीदना चाहते हैं। लेकिन ऐसे खरीदारों को कई बातों पर ध्यान रखना होगा। यदि आप अमेरिका से iPhone खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो नेटवर्क और वारंटी को ध्यान में रखना जरूरी है।
भारत और अमेरिका में नेटवर्क कम्पेटिबिलिटी के अंतर
नेटवर्क तकनीक
भारत में: ज्यादातर 4G LTE और अब धीरे-धीरे 5G नेटवर्क को अपनाया जा रहा है। भारत में 5G नेटवर्क 1800 MHz (n3), 2100 MHz (n1), और 2300 MHz (n40) जैसे बैंड्स पर काम करता है।
अमेरिका में: अमेरिका में 4G LTE और 5G दोनों ही व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वहां के नेटवर्क कुछ अलग फ़्रीक्वेंसी बैंड्स (जैसे 600 MHz, 700 MHz, 1900 MHz, और 2300 MHz) पर काम कर सकते हैं। 5G के लिए अमेरिका में 600 MHz (n71) और mmWave तकनीक के साथ हाई-बैंड्स का उपयोग भी किया जाता है।
फ़्रीक्वेंसी बैंड्स का अंतर
भारत और अमेरिका में नेटवर्क बैंड्स अलग-अलग होते हैं, इसलिए अगर कोई फोन अमेरिका से लाया जाता है और उस पर बैंड्स भारत में सपोर्ट नहीं करते, तो फोन सही से काम नहीं करेगा। विशेष रूप से 5G नेटवर्क में यह अंतर महत्वपूर्ण हो सकता है।
GSM और CDMA
भारत में ज्यादातर मोबाइल नेटवर्क GSM टेक्नोलॉजी (जैसे Airtel, Jio, Vodafone) पर आधारित होते हैं।
अमेरिका में कुछ नेटवर्क जैसे Verizon और Sprint CDMA टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे उन नेटवर्क्स पर GSM फोन नहीं चल पाते हैं।
मुख्य अंतर
5G नेटवर्क: दोनों देशों में 5G के लिए उपयोग होने वाले बैंड्स अलग हैं। उदाहरण के लिए, भारत में 700 MHz (n28), 1800 MHz (n3), और 3300-3600 MHz (n78) बैंड्स का उपयोग होता है, जबकि अमेरिका में 600 MHz (n71) और mmWave 24 GHz (n258) आदि का उपयोग होता है।
नेटवर्क लॉकिंग: अमेरिका में कई फोन एक विशेष कैरियर (जैसे AT&T, Verizon) के लिए लॉक होते हैं, जिससे वे भारत में अनलॉक किए बिना काम नहीं करेंगे।
समाधान
यदि कोई फोन अमेरिका से भारत लाया जाता है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि वह फोन भारत में उपयोग किए जाने वाले बैंड्स को सपोर्ट करता हो। iPhones जैसे ग्लोबल मॉडल्स आमतौर पर दोनों देशों में काम करते हैं, लेकिन कुछ सस्ती डिवाइसों के लिए यह समस्या हो सकती है।
कुल मिलाकर भारत और अमेरिका में नेटवर्क कम्पेटिबिलिटी में मुख्य रूप से फ़्रीक्वेंसी बैंड्स, नेटवर्क तकनीक (GSM/CDMA), और नेटवर्क लॉकिंग का अंतर होता है।
लॉक्ड वेरिएंट बन सकता है समस्या
लॉक्ड वेरिएंट (carrier-locked) iPhones का मतलब है कि ये फोन किसी खास नेटवर्क ऑपरेटर के साथ लॉक होते हैं, और वे केवल उसी ऑपरेटर की सिम पर काम करेंगे। अगर आप अमेरिका से कोई ऐसा iPhone 16 मॉडल खरीदते हैं जो किसी खास नेटवर्क (जैसे AT&T, Verizon, या T-Mobile) के साथ लॉक है, तो वह फोन भारत में काम नहीं करेगा, जब तक कि उसे अनलॉक न कराया जाए।
भारत में लॉक्ड फोन की समस्या
लॉक्ड वेरिएंट: अमेरिका में खरीदे गए लॉक्ड iPhones को अनलॉक कराना जरूरी है अगर आप इसे भारत में इस्तेमाल करना चाहते हैं। आमतौर पर ये फोन खरीदते वक्त किसी नेटवर्क प्लान के साथ बेचे जाते हैं और उसकी अनुबंधित अवधि समाप्त होने के बाद ही अनलॉक होते हैं।
अनलॉकिंग प्रक्रिया: अनलॉक कराने के लिए आपको उस नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करना होगा जिससे फोन खरीदा गया है। अनलॉक कराने के बाद ही वह भारत में किसी भी सिम कार्ड पर काम करेगा।
अनलॉक वेरिएंट: आप अमेरिका में अनलॉक वेरिएंट भी खरीद सकते हैं, जो किसी भी नेटवर्क पर काम करेगा, चाहे वह भारत हो या अन्य देश। यह वेरिएंट थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन यह भारत में किसी भी सिम के साथ काम करेगा।
सुझाव
अगर आप अमेरिका से iPhone 16 खरीद रहे हैं और इसे भारत में इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अनलॉक वेरिएंट खरीदें।
नेटवर्क कम्पैटिबिलिटी:
भारत और अमेरिका के iPhone मॉडल्स में 5G बैंड्स की भी थोड़ी भिन्नता हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर अनलॉक वेरिएंट बिना किसी समस्या के भारत में काम करेगा।
वारंटी और सर्विस
अगर आप अमेरिका से iPhone खरीदते हैं और उसे भारत में इस्तेमाल करते हैं, तो वारंटी और सर्विस पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखना होगा।
अंतर्राष्ट्रीय वारंटी
Apple एक साल की अंतर्राष्ट्रीय सीमित वारंटी प्रदान करता है, जो उत्पाद के निर्माण में होने वाली किसी भी त्रुटि को कवर करती है। इसका मतलब है कि अगर आपने iPhone अमेरिका से खरीदा है, तो आपको भारत में भी इसकी वारंटी मिल सकती है, लेकिन इसके लिए आपको खरीद की सही रसीद दिखानी होगी। अगर रसीद नहीं है, तो आपको वारंटी सेवाओं में कठिनाई हो सकती है।
AppleCare+
अगर आपने अमेरिका से AppleCare+ खरीदा है, तो यह योजना केवल उस देश में मान्य होती है जहाँ से आपने इसे खरीदा है। यानी कि अमेरिका से खरीदा गया AppleCare+ भारत में लागू नहीं होगा। इसलिए भारत में विस्तारित वारंटी या अतिरिक्त सुरक्षा सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
नेटवर्क और 5G कम्पैटिबिलिटी
अमेरिका में बेचे जाने वाले iPhone मॉडल्स में mmWave 5G तकनीक होती है, जो भारत में फिलहाल उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, यह समस्या नहीं बनेगी क्योंकि भारत में उपयोग होने वाला Sub-6 GHz 5G आपके iPhone पर काम करेगा।
सर्विसिंग और रिपेयर
Apple स्टोर्स या सर्विस सेंटर पर मरम्मत (repair) सेवाएं भारत में उपलब्ध हैं, लेकिन अगर पार्ट्स की उपलब्धता में कोई समस्या आती है, तो इसके लिए अधिक समय लग सकता है।
इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, अगर आपके पास सही दस्तावेज और रसीद है, तो आप वारंटी और सेवा का लाभ भारत में ले सकते हैं, लेकिन कुछ अतिरिक्त सेवाएँ (जैसे AppleCare+) अमेरिका और भारत के बीच ट्रांसफर नहीं की जा सकतीं।
स्रोत
Apple India
Apple USA
Apple International Warranty