विस्तारवादी रवैये को लेकर पीएम मोदी का पुनः चीन पर सांकेतिक निशाना
क्वाड यहां रहने, सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने QUAD समिट में अपने भाषण में वैश्विक तनावों और संघर्षों के बीच QUAD की भूमिका पर बल दिया और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर चारों देशों (भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया) के एकजुट होने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सीधे तौर पर चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन रूल्स-बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता जैसे शब्दों का उल्लेख स्पष्ट रूप से चीन की आक्रामक नीतियों और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसके विस्तारवादी रवैये के संदर्भ में किया गया था। QUAD का संदेश इस बात की ओर इशारा करता है कि यह किसी भी आक्रामकता या प्रभुत्व के खिलाफ खड़ा है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्रता और खुलेपन को सुनिश्चित करेगा। यह संकेत विशेष रूप से चीन की गतिविधियों को लेकर है, जो इस क्षेत्र में अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का सार
QUAD की 20वीं वर्षगांठ: प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित इस समिट को QUAD की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए उपयुक्त बताया। उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन को QUAD की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें व्यक्तिगत रूप से 2021 की पहली QUAD समिट के आयोजन के लिए सराहा।
वैश्विक चुनौतियों पर QUAD की भूमिका: मोदी ने दुनिया भर में फैले तनावों और संघर्षों के संदर्भ में QUAD की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि QUAD का उद्देश्य किसी देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर एक रूल्स-बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर (नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था) का समर्थन करता है, जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाता है और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाता है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की प्राथमिकता: प्रधानमंत्री मोदी ने फ्री, ओपन, इनक्लूसिव और प्रॉस्पेरस इंडो-पैसिफिक (मुक्त, खुले, समावेशी और समृद्ध इंडो-पैसिफिक) क्षेत्र की QUAD की प्राथमिकता के रूप में पुष्टि की। उन्होंने इस दिशा में स्वास्थ्य सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियाँ, जलवायु परिवर्तन, और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर QUAD द्वारा उठाए गए सकारात्मक और समावेशी प्रयासों को भी उजागर किया।
QUAD का स्थायित्व: उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि QUAD स्थायी है और यह सहयोग, भागीदारी और पूरकता के सिद्धांतों पर काम करेगा। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 में भारत में QUAD लीडर्स समिट के आयोजन की घोषणा की, जो इस सहयोग को और अधिक मजबूत करेगा।
भारत द्वारा घोषित सहयोग
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सहयोग: भारत ने सर्वाइकल कैंसर का मुकाबला करने के लिए अपनी वैक्सीन विकसित की है और यह महामारी से लड़ने के अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है।
7.5 मिलियन डॉलर का योगदान: QUAD मूनशॉट Initiative के तहत, भारत 7.5 मिलियन डॉलर मूल्य के सैंपलिंग किट्स, डिटेक्शन किट्स, और वैक्सीन्स का सहयोग देगा।
40 मिलियन वैक्सीन डोज़ का योगदान: भारत, इंडो-पैसिफिक देशों के लिए GAVI और QUAD पहलों के तहत 40 मिलियन वैक्सीन डोज़ प्रदान करेगा। ये वैक्सीन्स करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरण के रूप में कार्य करेंगी।
Radiotherapy ट्रीटमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग: भारत कैंसर उपचार के लिए Radiotherapy ट्रीटमेंट और क्षमता निर्माण में भी सहयोग देगा।
A.I. का उपयोग: भारत नए इलाज के प्रोटोकॉल्स में A.I. की मदद से नवाचार कर रहा है, जिसे अन्य देशों के साथ साझा किया जाएगा।
Cost-effective कैंसर स्क्रीनिंग: भारत ने बड़े पैमाने पर कम लागत पर सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका अनुभव और विशेषज्ञता साझा की जाएगी।
QUAD की इस बैठक ने वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि चारों देश स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बनाए रखने के लिए एकजुट हैं। साथ ही, यह सहयोग किसी भी एक देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक स्थिर और शांतिपूर्ण विश्व व्यवस्था की दिशा में एक कदम है।
स्रोत-PIB