भारत में महत्वपूर्ण खनिज भंडार: वैश्विक उद्योग के लिए रणनीतिक धरोहर

महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए भारी धातुओं के भंडार की आवश्यकता

भारत में महत्वपूर्ण खनिज भंडार: वैश्विक उद्योग के लिए रणनीतिक धरोहर

नई दिल्ली- भारत में भारी धातुओं और महत्वपूर्ण खनिजों के कुछ भंडार हैं, जो ली-आयन बैटरी, सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और कंप्यूटिंग जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, इन भंडारों की महत्वता और वित्तीय व्यवहार्यता अलग-अलग है। ये भंडार देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जहां पहुंच और निष्कर्षण व्यवहार्यता के स्तर भी भिन्न-भिन्न हैं।

वर्तमान स्थिति और खनन पट्टे:
देश में कोबाल्ट, निकेल, लिथियम और नियोडिमियम के लिए फिलहाल कोई कार्यशील खनन पट्टा नहीं है। भारत में कुछ महत्वपूर्ण धातुओं का खनन और उत्पादन होता है, लेकिन यह अभी भी अपनी मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। वर्तमान में ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट, और टिन अयस्क के लिए 54 खनन पट्टे हैं, जिनमें से 20 पट्टे कार्यरत हैं, जबकि 34 पट्टे अभी भी गैर-कार्यरत हैं।

खनिज पट्टों की संख्या कार्यरत गैर-कार्यरत
ग्रेफाइट 32 9 23
रॉक फॉस्फेट 7 6 1
टिन अयस्क 15 5 10
कुल योग 54 20 34

भविष्य की आवश्यकता:
अगले कुछ वर्षों में भारत को कोबाल्ट, लिथियम, निकेल, और नियोडिमियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की वार्षिक आवश्यकता में भारी वृद्धि का अनुमान है। 2025 से 2030 तक के समय में इन खनिजों की आवश्यकता टन में इस प्रकार है:

खनिज 2025 2026 2027 2030
कोबाल्ट 17 49 147 3,878
लिथियम 58 174 517 13,671
निकेल 2,629 3,057 6,663 17,492
नियोडिमियम 223 261 830 766

अन्वेषण में वृद्धि:
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज के लिए अपने अन्वेषण परियोजनाओं की संख्या 2021-22 में 118 से बढ़ाकर 2024-25 में 196 कर दी है।

महत्वपूर्ण संसाधनों का अनुमानित भंडार:
जीएसआई द्वारा संवर्धित संचयी संसाधनों का विवरण इस प्रकार है:

क्र.सं. माल संसाधन (मिलियन टन में)
1 दुर्लभ मृदा तत्व (आरईई) अयस्क 230.0
2 लिथियम 12.3
3 गैलियम अयस्क 74.0
4 ग्रेफाइट अयस्क 32
5 नियोबियम अयस्क 282.0
6 वैनेडियम अयस्क 71.0
7 कोबाल्ट 275 टन
8 टिन का अयस्क 3.0
9 टंगस्टन अयस्क 21.5
10 मोलिब्डेनम अयस्क 1.7
11 प्लैटिनम समूह तत्व (पीजीई) अयस्क 1.0
12 निकल अयस्क 4.7

अन्वेषण लाइसेंस और निजी भागीदारी:
गहराई में स्थित खनिजों की खोज के लिए अन्वेषण लाइसेंस नामक नई खनिज रियायत शुरू की गई है। खान मंत्रालय ने 23 निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को अधिसूचित किया है जो राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) से वित्त पोषण के माध्यम से अन्वेषण परियोजनाएं शुरू कर रही हैं।

निष्कर्ष:
भारत में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के भंडार और उनकी खोज में प्रगति के साथ, देश की ऊर्जा और तकनीकी उद्योगों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के 44 ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है, जो आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।



Latest News

 कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी
नई दिल्ली- बिजली की बढती मांग को देखते हुए घरेलू कोयले पर आधारित बिजली परियोजनाओं में कोयले के स्टाक में...
चुंबकीय पदार्थों में एमपेम्बा प्रभाव की खोज
ऊर्जा भंडारण में नई क्रांति:मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-आधारित सुपरकैपेसिटर
1.35 लाख क्यूसेक पानी पहुँचने पर बाणसागर बांध के तीन फाटक खोले गये
हालात खराब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं- पीएम मोदी 
अत्याधुनिक स्वदेशी अंडरवाटर सेंसर से लैस हैं 'मालपे' और 'मुलकी'
आईआईएफटी ने रचा इतिहास,नेटवर्किंग में ग्लोबल नंबर 1
भारत के नवदीप ने भाला फेंक में रचा इतिहास
नवदीप,सिमरन और गवित दिलीप पर है स्वर्ण पदक लाने का दबाव
प्रवीण कुमार ने पुरुष हाई जम्प में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक