देश भर में 100 और भूकंप विज्ञान केंद्र खोले जाएंगे
उधमपुर में भूकंप विज्ञान वेधशाला का हुआ उद्घाटन
उधमपुर-केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उधमपुर आज पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित नवीनतम उन्नत भूकंपीय वेधशाला के साथ विश्व भूकंपीय मानचित्र पर उभरा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भूकंप विज्ञान वेधशाला का उद्घाटन करते हुए यह बात कही जो राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक पहल है। उद्घाटन के दौरान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन भी मौजूद थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तहत पिछले 8 वर्षों के दौरान, भारत ने देश भर में 70 से अधिक ऐसी वेधशालाएं स्थापित की हैं जबकि इससे पहले के 6 दशकों में केवल 80 स्थापित की गई थीं।
प्रयोगशाला का उद्घाटन करते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि अगले 5 वर्षों में रीयल टाइम डेटा मॉनिटरिंग और डेटा संग्रह में सुधार के लिए देश भर में ऐसे 100 और भूकंप विज्ञान केंद्र खोले जाएंगे। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि भारत भूकंपीय प्रगति और समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के करीब पहुंच रहा है ।
कहा कि उधमपुर की यह वेधशाला पृथ्वी की पपड़ी (क्रस्ट) की आंतरिक गतिविधियों से संबंधित डेटा रिकॉर्ड करेगी और दुनिया भर के विभिन्न भूकंपीय स्टेशनों को डेटा प्रदान करेगी। मंत्री महोदय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर - विशेषकर दक्षिण और उत्तरी कश्मीर भूकंपीय क्षेत्र में आता है विशेषकर जहां ऐसी वेधशालाएं स्थापित की गई हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि उधमपुर जम्मू-कश्मीर में तीसरा स्थान है जहां अब इस तरह के भूकंपीय अवलोकन दर्ज किए जाएंगे। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि समुद्री संसाधन, तटीय पहलें और भूकंप अध्ययन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली स्टार्टअप संभावनाओं में आती हैं। इस वेधशाला की स्थापना के लिए उधमपुर के विशेष महत्व की व्याख्या करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि उधमपुर जिला दो भूकंपीय भ्रंश रेखाओं (फॉल्ट लाइंस) के बीच स्थित है और इस प्रकार भूकंप से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा प्रदान कर सकता है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हाल के वर्षों में की गई विभिन्न विकासात्मक पहलों पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कई अधूरी परियोजनाओं को बिना किसी राजनीतिक सोच के पूरा किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि कई परियोजनाएं जिनकी लंबे समय से मांग थी उन्हें अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ लिया गया थाI हालांकि उनकी कोई स्थानीय मांग नहीं थी लेकिन इस बारे में निर्णय विशेषज्ञ सलाह पर आधारित थे। डॉ. सिंह ने हाल के वर्षों में उधमपुर में शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक पहलों जैसे मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों की स्थापना, "देविका नदी उपशमन एवं सौंदर्यीकरण परियोजना" के तहत विकास कार्यों, प्रधानमन्त्री ग्राम सडक योजना (पीएमजीएसवाई) सड़कों और पुलों की रिकॉर्ड संख्या एवं अन्य निर्माण कार्यों, राजमार्गों का निर्माण, उधमपुर में रेडियो स्टेशन, पासपोर्ट कार्यालय आदि की स्थापना आदि का भी उल्लेख कियाI डॉ. सिंह ने कहा कि कि एक नया औद्योगिक एस्टेट स्थापित किया गया है जो आने वाले वर्षों में प्रासंगिक औद्योगिक क्षेत्रों में एक कारक बनना चाहिए और इसमें हर क्षेत्र में स्टार्ट-अप शामिल भी होने चाहिए।