वनाधिकार कानून को लेकर ग्रामीणों में संघर्ष की स्थिति

वनाधिकार कानून को लेकर ग्रामीणों में संघर्ष की स्थिति

जुगैल(सोनभद्र),14 सितंबर 2022-वर्ष 2006 में आये वनाधिकार कानून को लेकर अभी भी जमीनी हालत ज्यादा सुकून भरी नहीं है। उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा वनो वाले सोनभद्र जनपद में इस कानून से लाभ उठाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही है। इस जनपद में इस वनाधिकार कानून के तहत आवेदनों की संख्या 50 हजार से ज्यादा रही है। ऐसे में सभी आवेदकों को पट्टा अधिकार देना बड़ी चुनौती रही है। 

अभी तक सोनभद्र में ज्यादातर समस्याएं प्रशासन की शिथिलता के कारण रही हैं।वहीँ अब ग्रामीणों के बीच भी जमीनों को लेकर संघर्ष की स्थिति है। जंगल की भूमि पर कई ग्रामीणों के दावे समस्या बन रहे हैं। 

थाने तक पहुँच रहे विवाद 

मोबाइल नेटवर्क की बाट जोह रहे सोनभद्र के दुर्गम जुगैल थाना क्षेत्र में वनाधिकार से जुड़े हजारों मामलें हैं। ऐसा ही एक मामला जुगैल थाने पर आया है। जुगैल निवासी अमृत लाल ने दिनांक 3-9-2022 को प्रार्थना पत्र द्वारा बताया था कि वनाधिकार कानून द्वारा हमारे नाम से जमीन पट्टा किया गया है। लेकिन ग्रामीणों द्वारा उन्हें कब्जा नहीं करने दिया जा रहा है।  बताया कि जब वे खेत की जुताई करते हैं तो विपक्षी ग्रामीण जा करके पुनः खेत जोत देते हैं और अपना समझने लगते है। तहसील दिवस में उपस्थित अधिकारियों ने राजस्व टीम गठित कर मौके पर भेजा।पुलिस विभाग और वन विभाग की मौजूदगी में सीमांकन कर मामले को सुलझाया गया। 

इस दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जुगैल दिनेश यादव, पुर्व प्रधान प्रभुनाथ खरवार और रामेश्वर भाई,राजस्व निरिक्षक अखिलेश शुक्ला, अरूण कुमार सिंह एसआई,राम राज यादव लेखपाल खरहरा, केदार सिंह लेखपाल भरहरी, नथुनि यादव लेखपाल पनारी और धर्मेन्द्र कुमार लेखपाल जुगैल,वन दरोगा विरेंद्र पटेल, वन रक्षक राज किशोर यादव,हेड कांस्टेबल मुनिम लाल यादव और गुलाब चंद चौधरी, महिला कांस्टेबल पूजा आदि मौजूद रहे। 

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