छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने लघु जल विद्युत नीति की अवधि 10 वर्ष बढ़ाने का लिया निर्णय

छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने लघु जल विद्युत नीति की अवधि 10 वर्ष बढ़ाने का लिया निर्णय

रायपुर, 06 सितम्बर 2022- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके आवास कार्यालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य में लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय नीति-2012 के विस्तार के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी है। वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजना की स्थापना के लिए जारी अधिसूचना को 10 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो गई है।

गौरतलब है कि लघु जलविद्युत नीति की शुरुआत ऊर्जा विभाग द्वारा वर्ष 2012 में 25 मेगावाट क्षमता तक की जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। वही डेडलाइन 10 साल बाद यानी फरवरी 2022 में खत्म हो गई। बिजली मंत्रालय, भारत सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक छोटे बिजलीघरों की अवधि बढ़ाना राज्य के हित में है। राज्य में उपलब्ध जल संसाधनों के निवेश और उचित दोहन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से जलविद्युत नीति।

साथ ही पीक आवर्स में बिजली प्रबंधन राज्य की बिजली वितरण कंपनी के लिए एक बड़ी समस्या है. अतः पम्प आधारित जलविद्युत परियोजनाओं के अन्तर्गत जल के उचित भंडारण एवं प्रबंधन से व्यस्त समय में अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जा सकता है। यह बिजली प्रबंधन और राज्य की वितरण कंपनी के बिजली खरीद दायित्व को पूरा करने में सहायक होगा।

वर्तमान में प्रदेश में 75.65 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा, लगभग 83 मेगावाट क्षमता की छोटी जलविद्युत परियोजनाओं के लिए निवेशकों द्वारा बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के निष्पादन की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है और 171 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की अंतर्राज्यीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। प्रारंभिक सर्वेक्षण के बाद 385 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए लगभग 25 स्थलों की पहचान की गई है। राज्य में लघु जल विद्युत परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करने के लिए लघु जल विद्युत नीति की अवधि 10 वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

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