उड़ान योजना के तहत 5 वर्ष में देश भर में 425 नए हवाई रूट शुरू
नागर विमानन मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) ने अपनी सफलता के 5 वर्ष पूरे कर लिये हैं। 27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री ने इसकी पहली उड़ान शुरू की थी। योजना की शुरुआत टियर II और टियर III शहरों में उन्नत विमानन संरचना और एयर कनेक्टिविटी के साथ “उड़े देश का आम नागरिक” की परिकल्पना के बाद आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 2016 को हुई थी।
पिछले पांच वर्षों में उड़ान ने देश में क्षेत्रीय हवाई-संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2014 में चालू हवाई अड्डों की संख्या 74 थी। उड़ान योजना के कारण यह संख्या अब तक बढ़कर 141 हो गई है।
उड़ान योजना के अंतर्गत 58 हवाई अड्डे, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एरोड्रोम सहित 68 अपर्याप्त सुविधाओं वाले गंतव्यों को जोड़ा गया है। योजना के तहत शुरू किए गए 425 नए मार्गों के साथ उड़ान ने देश भर में 29 से अधिक राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है। 4 अगस्त 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना ने क्षेत्रीय कैरियरों को अपना परिचालन बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक मंच प्रदान किया है।
उड़ान के तहत 220 गंतव्यों (हवाई अड्डे/हेलीपोर्ट/वाटर एरोड्रोम) को 2026 तक 1000 मार्गों के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश के बिना संपर्क वाले गंतव्यों को हवाई संपर्क प्रदान किया जा सके। उड़ान के अंतर्गत 156 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए 954 मार्ग पहले ही दिए जा चुके हैं।
इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, ''आरसीएस उड़ान की सफलता प्रधानमंत्री की 'उड़े देश का आम नागरिक' की परिकल्पना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसने भारतीय विमानन उद्योग के परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत अब तक हमारे पास 425 मार्ग हैं, जिन्हें 1000 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 68 नए हवाई अड्डों को 100 हवाई अड्डों के लक्ष्य तक पहुंचाना है। अगले 4 वर्षों में हम भारत में नागर विमानन के माध्यम से 40 करोड़ यात्रियों की उम्मीद कर रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब रेल परिवहन और सड़क परिवहन के साथ-साथ नागर विमानन भारत में परिवहन का आधार बन जाएगा।
आरसीएस-उड़ान को राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (एनसीएपी)-2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार किया गया था और इसे 10 वर्षों की अवधि के लिए लागू रखने की योजना थी। इसमें क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड (आरसीएफ) के विकास के साथ एक स्व-वित्तपोषित तंत्र है। इस योजना के तहत, आरसीएफ बनाया गया था, जो कुछ घरेलू उड़ानों पर लेवी के माध्यम से योजना की वीजीएफ आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस तरह, क्षेत्र से उत्पन्न धन स्वयं क्षेत्र के विकास और विकास को प्रोत्साहित करता है।
उड़ान योजना ने विभिन्न हितधारकों को लाभान्वित किया है। यात्रियों को हवाई संपर्क का लाभ मिला है, एयरलाइनों को क्षेत्रीय मार्गों में परिचालन के लिए रियायतें मिली हैं, अपर्याप्त सेवा वाले क्षेत्रों को उनके आर्थिक विकास के लिए हवाई संपर्क का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिला है।