हिंदी सिनेमा के सबसे सुंदर 'राम' थे प्रेम अदीब

हिंदी सिनेमा के सबसे सुंदर 'राम' थे प्रेम अदीब

फिल्म अभिनेता प्रेम अदीब का जन्म 10 अगस्त1916 हुआ था। कश्मीरी मूल के प्रेम अदीब के दादा-परदादा अवध के नवाब वाजिद अली शाह के ज़माने में कश्मीर छोड़कर अवध के शहर फ़ैज़ाबाद (अब उत्तरप्रदेश) में आ बसे थे। उनके दादा का नाम देवीप्रसाद दर था। प्रेम अदीब के पिता रामप्रसाद दर फ़ैज़ाबाद से सुल्तानपुर चले आए थे। सुल्तानपुर में ही इनका जन्म हुआ था।

   प्रेम अदीब का झुकाव बचपन से ही फ़िल्मों की तरफ था। प्रेम अदीब 1943 में ‘प्रकाश पिक्चर्स’ के बैनर में बनी इस धार्मिक फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक विजय भट्ट, गीतकार रमेश गुप्ता और संगीतकार थे शंकर राव व्यास। जिनका नाम उस दौर के फ़िल्म प्रेमियों के ज़हन में आज भी ताज़ा है। 1930 के दशक के मध्य में सामाजिक फ़िल्मों से अपना करियर शुरू करने वाले अभिनेता प्रेम अदीब 1940 के दशक में धार्मिक फ़िल्मों का एक मशहूर नाम बन चुके थें।

भारत की "पारंपरिक मूल्यों" में शामिल इन फ़िल्मों में प्रेम अदिब और शोभना समर्थ "आदर्श राम और सीता" का चित्रण करते थे। अदीब और समर्थ ने अपनी जोड़ी को राम और सीता के रूप में जारी रखा, और एक रामायण आधारित फ़िल्म रामबाण (1948) में एक साथ अभिनय किया।

प्रतिमा अदीब के अनुसार फ़िल्म ‘रामविवाह’ (1949) के निर्माण के दौरान एक कार दुर्घटना में प्रेम अदीब के गुर्दों को नुक़सान पहुंचा था, जिसका उनके रक्तचाप पर बुरा असर पड़ा था। 25 दिसम्बर1959 की शाम को प्रतिमा अदीब की बड़ी बहन के जन्मदिन की पार्टी में थे कि उनका रक्तचाप अचानक ही बढ़ा और ब्रेन-हैम्रेज से उनकी मृत्यु हो गयी। उस वक्त उनकी उम्र महज़ 43 साल थी। अंगुलीमाल उनकी आख़िरी फ़िल्म थी जो उनके निधन के बाद प्रदर्शित हुई थी।

साभार-विकिपीडिया 

Related Posts

Latest News

बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के दो विधुत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच संघर्ष...
ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति
भारत में कोयला आयात में कमी
उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन
44000 करोड़ रुपए खर्च के बाद अचानक ऊर्जा निगमों को बेचने पर उठे सवाल
भारत बना अक्षय ऊर्जा की राजधानी: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को निजी घरानों को सौंपने की जल्दबाजी में भारी घपले की आशंका
निजीकरण के मामले ने योगी सरकार की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता