ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के 18,000 छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण

 ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के 18,000 छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने आज टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) और ऑटोमोटिव कौशल विकास परिषद् (एएसडीसी) के साथ एक एमओयू की घोषणा की, जिसके तहत तीन सालों में ग्रामीण इलाकों पर अधिक ध्यान केंद्रित रखते हुए 18,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कंपनी के अनोखे प्रशिक्षिण कार्यक्रम- टोयोटा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम (टी-टीईपी) के तहत प्रशिक्षित कर इन छात्रों को रोजगार के लिए ज्यादा बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकेगा। इन छात्रों को ऑटोमोटिव क्षेत्र से जुड़े पांच तरह के कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, इनमें जनरल टेक्नीशियन, बॉडी-पेंट टेक्नीशियन, सर्विस एडवाइजर, सेल्स कंसल्टेंट और कॉल सेंटर स्टाफ शामिल है।

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एनएसडीसी के मुख्य क्रियान्वयन अधिकारी और कार्यवाहक सीईओ वेद मणि तिवारी, एएसडीसी के सीईओ अरिंदम लाहिड़ी और टीकेएम के जनरल मैनेजर सबरी मनोहर आर के बीच, कौशल विकास एवम् उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवम् सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ-साथ टीकेएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष विक्रम गुलाटी की मौजूदगी में इन एमओयू का हस्तांतरण किया गया।

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की जरूरत के लिए जरूरी तकनीकी कौशल रखने वाले पेशेवरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखने वाला टी-टीईपी बेहद मजबूती से स्किल इंडिया मिशन से जुड़ा हुआ है और अब तक यह 21 राज्यों में 56 आईटीआई/पॉलिटेक्निक कॉलेजों के साथ गठजोड़ कर चुका है। अब तक 10,000 से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और इनमें से 70 प्रतिशत अलग-अलग कंपनियों में काम कर रहे हैं।

इस मौके पर श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा एनएसडीसी और एएसडीसी के साथ गठजोड़ वाला, ग्रामीण इलाकों पर केंद्रित यह कार्यक्रम छात्रों को बेहद कुशल बनाने, उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाने और भविष्य के लिए उन्हें तैयार करने की दिशा में बड़ा योगदान देगा। यह पहल केंद्र सरकार की स्किल इंडिया मिशन से जुड़ी हुई है। उन्होंने आगे कहा, सरकार, इंडस्ट्री में टोयोटा जैसे भागीदारों को एक मंच उपलब्ध करवाकर, मौजूदा कौशल अंतर को भरने के लिए उनकी कोशिशों को प्रोत्साहन और मदद देती है, ताकि वे वैश्विक स्तर की श्रमशक्ति तैयार कर सकें।

मंत्री ने आगे कहा कि ऑटोमोटिव सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अहम स्तंभ है और अगले 5-6 साल में यह विनिर्माण क्षेत्र में बड़े मौके उपलब्ध करवाएगा। भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर के भविष्य के लिए, ऑटोमोटिव सेक्टर एक केंद्रीय स्तंभ बन सकता है और कौशल विकास के लिए बड़े अवसर उपलब्ध करवा सकता है। कौशल विकास की दिशा में बढ़ने के लिए टोयोटा के साथ यह साझेदारी एक अहम कदम साबित होगी। साथ ही यह दूसरी विनिर्माण कंपनियों को कौशल विकास एवम् उद्यमिता मंत्रालय के साथ, एनएसडीसी के जरिए साझेदारी के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक उदाहरण भी बनेगा, ताकि भारत को वैश्विक कौशल का गढ़ बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को आगे ले जाया जा सके।

इस पहल की प्रशंसा करते हुए एनएसडीसी के सीओओ और कार्यवाहक सीईओ श्री वेद मणि तिवारी ने कहा कि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री बहुत तेजी से विकास कर रही है और 2006 से ही टी-टीईपी ऑटोमोटिव प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने और ऑटोमोटिव सर्विस इंडस्ट्री के साथ-साथ वृहद तौर पर समाज को लाभ पहुंचाने वाला एक अहम कार्यक्रम साबित हुआ है। टीकेएम और एएसडीसी के साथ साझेदारी करने से ना केवल बेहद कुशल श्रमशक्ति का निर्माण होगा, जिनके लिए ऑटोमोटिव सर्विस सेक्टर में बहुत मौके होंगे, बल्कि इससे युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध करवाकर उन्हें आजीविका के बेहतर साधन उपलब्ध होंगे। इस साझेदारी से ऑटोमोटिव सेक्टर की दूसरी कंपनियों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

साझेदारी के बारे में बात करते हुए एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लाहिड़ी ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री की तकनीक में हुए विकास और मोटरों के उपयोग में हुई अभूतपूर्व वृद्धि के साथ, अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों को सबसे बेहतरीन सेवा उपलब्ध हो सके। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में यह संभव हो पाए। इस लक्ष्य के लिए हमें बेहद प्रशिक्षित कुशल टेक्नीशियनों की जरूरत होगी, इसलिए जरूरी हो जाता है कि टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटरों में छात्रों को उन्नत तकनीक तक पहुंच हासिल हो और उन्हें उसका प्रायोगिक प्रशिक्षण अनुभव मिल पाए। इस साझेदारी के चलते प्रशिक्षण साझेदार टोयोटा के मूल्यों, कंपनी की बेहतरीन कार्यप्रणालियों और उन्नत तकनीक को समझेंगे, जिससे ना केवल छात्रों का फायदा होगा, बल्कि इससे पूरी इंडस्ट्री को भी लाभ मिलेगा। इस तरह यह कवायद स्किल इंडिया मिशन में अपना योगदान देगी।

अपने विचार साझा करते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री विक्रम गुलाटी ने कहा कि टोयोटा को इसके उत्कृष्ट उत्पादों और सेवा के लिए जाना जाता है। यह चीजें विश्व स्तरीय कर्मचारियों को तैयार कर, विश्व स्तरीय प्रक्रियाओं और अवसंरचना के निर्माण से ही सुनिश्चित हो पाता है। हम ऑटो इंडस्ट्री की बदलती मांगों और स्वरूप के हिसाब से लगातार खुद का अनुकूलन और विकास कर रहे हैं। टी-टीईपी कार्यक्रम के जरिए हम प्रतिभावान छात्रों को उन्नत तकनीक तक पहुंच और इसका प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा प्रबल विश्वास है कि एनएसडीसी और एएसडीसी के साथ यह नई साझेदारी जमीनी स्तर के कौशल को मजबूत करेगी और उन्हें बाजार की जरूरतों के हिसाब से अपने कौशल में सुधार का मौका उपलब्ध करवाएगी।

 

इस कार्यक्रम के तहत, एएसडीसी जरूरतों के हिसाब से संस्थानों का चयन करेगी और टोयोटा संबंधित संस्थानों को ताजा पाठ्यक्रम के साथ मदद करेगी। इस पाठ्यक्रम में ऑटोमोबाइल की बुनियादी चीजें, सुरक्षा सिद्धांत, टोयोटा के मूल्य और पेशेवर जीवन के बुनियादी व्यवहारिक मूल्य शामिल होंगे। इसके अलावा कंपनी ऑनलाइन पठनीय सामग्री, इंजन, ट्रांसमिशन, प्रैक्टिस किट्स उपलब्ध कराएगी, साथ ही ‘प्रशिक्षक के प्रशिक्षण’ पद्धति से संस्थान के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगी। टोयोटा डीलर भी साझेदार कौशल विकास केंद्रों को सहायता देते हुए वहां के प्रशिक्षुओं को सीधे कार्यस्थल पर प्रशिक्षण उपलब्ध करवाएंगे। एएसडीसी अवसंरचना को बेहतर बनाने और बेहतर छात्र प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने में मदद करेगी। टीकेएम, डीलर साझेदार और एएसडीसी प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए त्रैमासिक लेखा परीक्षण भी करेंगे। टी-टीईपी पाठ्यक्रम के सफलता के साथ पूरा होने पर छात्रों को टोयोटा, एनएसडीसी और एएसडीसी से प्रमाणपत्र भी मिलेगा।

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