निजीकरण के खिलाफ कार्यबहिष्कार 

 
 
 
लखनऊ - केंद्र एवं राज्य सरकार की निजीकरण की नीतियों एवं इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी आज से दो दिन का कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करेंगे। सभी जनपद मुख्यालयों एवम परियोजनाओं पर  विरोध सभा की जायेगी । विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय पदाधिकारी शशिकांत श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में पारित कराने जा रही है। जिसका बिजली कर्मियों और बिजली उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाला है।बिल पर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से कोई राय नहीं ली गई है केवल औद्योगिक घरानों से ही विचार विमर्श किया गया है। केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। बिजली कर्मियों की मांग है कि बिल को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए। जिससे स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष बिजली कर्मी और उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकें।

Related Posts

Latest News

बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के दो विधुत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच संघर्ष...
ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति
भारत में कोयला आयात में कमी
उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन
44000 करोड़ रुपए खर्च के बाद अचानक ऊर्जा निगमों को बेचने पर उठे सवाल
भारत बना अक्षय ऊर्जा की राजधानी: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को निजी घरानों को सौंपने की जल्दबाजी में भारी घपले की आशंका
निजीकरण के मामले ने योगी सरकार की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता