पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना 10 लाख से अधिक इंस्टालेशन की ओर

मासिक रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में दस गुना वृद्धि

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना 10 लाख से अधिक इंस्टालेशन की ओर

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर योजना भारत के सौर ऊर्जा परिदृश्य को बदल रही है। मार्च 2025 तक इंस्टालेशन की संख्या 10 लाख को पार कर अक्टूबर 2025 तक 20 लाख, मार्च 2026 तक 40 लाख तथा मार्च 2027 तक एक करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। पीएमएसजीएमबीवाई के केवल 9 महीनों के भीतर 6.3 लाख इंस्टॉलेशन हासिल किए गए हैं जो औसतन 70,000 प्रति माह है। यह मासिक इंस्टॉलेशन में दस गुना वृद्धि को दर्शाता है, जबकि फरवरी 2024 में योजना के शुभारंभ से पहले यह औसत 7,000 प्रति माह था। गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने मजबूत बुनियादी ढांचे और हितधारक सहयोग को दर्शाते हुए असाधारण प्रगति प्रदर्शित की है।

पीएमएसजीएमबीवाई की प्रारंभिक प्रगति ठोस आधारशिला रखने का प्रमाण है। यह योजना आने वाले महीनों में तेजी से विकास की ओर अग्रसर है, जिससे छत पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

कार्यान्वयन चुनौतियों का त्वरित समाधान करते हुए योजना को तेजी से रोलआउट किया गया

प्रारंभिक कार्यान्वयन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान किया गया ताकि रोलआउट में तेजी लाई जा सके। डिस्कॉम ने आवश्यक बिजली लोड क्षमता सुनिश्चित करने के लिए ऑटो-लोड संवर्द्धन किया, जबकि 10 किलोवाट तक की प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (टीएफआर) को माफ करके विनियामक बाधाओं को कम किया गया। डिस्कॉम द्वारा समय पर निरीक्षण से सब्सिडी जारी करने में तेजी आई और नेट मीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। विक्रेता आधार का विस्तार करने के प्रयासों ने 3 किलोवाट तक की प्रणालियों के लिए जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से किफायती वित्तपोषण विकल्पों के साथ तेजी से तैनाती का समर्थन किया।

बड़े पैमाने पर तैनाती के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण

90 से अधिक डिस्कॉम, बैंकों और अन्य हितधारकों को एकीकृत करने के लिए मजबूत आईटी सिस्टम का निर्माण इस पैमाने पर परिचालन के समन्वय के लिए महत्वपूर्ण था। विक्रेता विकास प्राथमिकता रही है, लगभग 9,000 विक्रेता सक्रिय हो चुके हैं और प्रतिदिन और भी विक्रेता जुड़ रहे हैं। क्षमता निर्माण पहलों ने उच्च गुणवत्ता वाली स्थापना और सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए 40,000 कर्मियों को प्रशिक्षित किया है। अगले आठ महीनों में अतिरिक्त 2 लाख तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, 50,000 से अधिक डिस्कॉम इंजीनियरों को छतों पर लगे सौर संयंत्रों का निरीक्षण और संचालन करने तथा नेट मीटर उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उपभोक्ता प्रक्रियाओं को सरल बनाना

इस योजना ने उपभोक्ता प्रक्रियाओं को भी काफी सरल बना दिया है। इससे पहले, आवेदकों को कई दस्तावेज जमा करने पड़ते थे और डिस्कॉम कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे। अब अधिकांश डिस्कॉम्स ने 10 किलोवाट से कम क्षमता वाली प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अनुमोदन को माफ कर दिया है तथा अपनी प्रक्रियाओं को डिजिटल कर दिया है, जिससे दस्तावेज़ीकरण का बोझ कम हो गया है तथा आवेदनों को सुव्यवस्थित किया जा रहा है।

अब www.pmsuryaghar.gov.in पर 5 मिनट में आवेदन को पुरा किया जा सकता है, जिससे विक्रेताओं को सूचीबद्ध करने और चयन करने की भी सुविधा मिलती है। आवेदक पोर्टल की जीआईएस सुविधा का उपयोग अपनी छत को देखने और रूफटॉप सौर प्रणाली की क्षमता की योजना बनाने के लिए भी कर सकता है। पोर्टल पर ही 7 प्रतिशत ​​ब्याज दर पर ऋण के लिए भी सहजता से आवेदन किया जा सकता है। इंस्टालेशन के बाद विवरण भी मिनटों में अपलोड किया जा सकता है। पोर्टल स्वचालित रूप से डिस्कॉम को निरीक्षण करने के लिए सूचित करता है, जिसके बाद आवेदक पोर्टल पर सब्सिडी भी प्राप्त कर सकता है।

व्यापक जागरूकता अभियान

व्यापक जागरूकता अभियानों ने इन प्रयासों को बढ़ावा दिया है, जिससे पंजीकरण में तेजी आई है और परिवारों को योजना के लाभों के बारे में शिक्षित किया गया है। इन अभियानों से भागीदारी को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे निरंतर गति और व्यापक स्वीकृति सुनिश्चित होगी।

पीएमएसजीएमबीवाई न केवल अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, बल्कि यह रूफटॉप सौर ऊर्जा की सफलता के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है, जो वैश्विक स्तर पर टिकाऊ ऊर्जा परिनियोजन का एक अनुकरणीय मॉडल है। मजबूत बुनियादी ढांचे, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ, यह योजना त्वरित विकास के लिए तैयार है। यह दूरगामी सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करने के लिए भी तैयार है, जो अक्षय ऊर्जा एकीकरण के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा और पूरे देश में लाखों परिवारों को सशक्त बनाएगा।

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