भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 70.2 मिलियन टन की आवश्यकता
भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत 19.7 किलोग्राम/वर्ष
नई दिल्ली, 29 अगस्त 2024: भारत को खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 70.2 मिलियन टन तेल की आवश्यकता होगी। यह महत्वपूर्ण जानकारी नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट का शीर्षक "पाथवे एंड स्ट्रैटेजीज फॉर एक्सेलेरेटिंग ग्रोथ इन एडिबल ऑयल्स टुवर्ड्स द गोल आत्मनिर्भरता" है, जिसे नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कल प्रस्तुत किया। इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, आईसीएआर संस्थानों के अधिकारी और उद्योग जगत की हस्तियां भी उपस्थित थीं।
बढ़ती मांग और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशकों में भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है, जो अब 19.7 किलोग्राम/वर्ष तक पहुंच गई है। इसके चलते घरेलू उत्पादन मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है, जिससे भारत को अपनी जरूरतों का लगभग 55-60% आयात करना पड़ता है। वर्ष 2022-23 में, भारत ने 16.5 मिलियन टन खाद्य तेलों का आयात किया, जबकि घरेलू उत्पादन सिर्फ 40-45% की आवश्यकताओं को ही पूरा कर सका।
तीन प्रमुख रणनीतियाँ
रिपोर्ट में खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए तीन प्रमुख रणनीतियों का सुझाव दिया गया है:
- फसल प्रतिधारण और विविधीकरण: तिलहन फसलों को संरक्षित और विविध बनाने पर जोर।
- क्षैतिज विस्तार: खाद्य तेल फसलों की खेती के लिए भूमि का विस्तार।
- ऊर्ध्वगामी विस्तार: मौजूदा खेती की उपज बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीक और कृषि पद्धतियों का उपयोग।
रणनीतिक हस्तक्षेपों का महत्व
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन रणनीतिक हस्तक्षेपों को अपनाने से भारत 43.5 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्य तेल का उत्पादन कर सकता है। यह उत्पादन न केवल आयात निर्भरता को कम करेगा, बल्कि देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में भी अग्रसर करेगा। इसके अलावा, रिपोर्ट में तिलहनों की उपज बढ़ाने, चावल परती भूमि के उपयोग, पाम तेल की खेती, और उन्नत बीजों और उत्पादन तकनीकों के माध्यम से खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझाव भी दिए गए हैं।
भविष्य के अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत की खाद्य तेल की मांग 36.2 मिलियन टन और 2047 तक 70.2 मिलियन टन तक पहुंच सकती है। इन अनुमानों को ध्यान में रखते हुए, भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए घरेलू उत्पादन को और बढ़ाने की आवश्यकता है। यह रिपोर्ट देश की खाद्य तेल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है और इसे समयबद्ध और प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट को विस्तार से देखने के लिए आप इस लिंक का अनुसरण कर सकते हैं: यहां क्लिक करें।
स्रोत-PIB