विश्वसनीय, कुशल एवं टिकाऊ विद्युत क्षेत्र तैयार करने के लिए नई तकनीकी

केन्द्रीय विधुत मंत्री ने किया शुभारम्भ

विश्वसनीय, कुशल एवं टिकाऊ विद्युत क्षेत्र तैयार करने के लिए नई तकनीकी

नई दिल्ली- केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा अधिसूचित विनियमों के सार-संग्रह का शुभारंभ किया। यह संग्रह बिजली उत्पादन, संचरण, और वितरण के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है और राष्ट्रीय ग्रिड में अक्षय ऊर्जा के समेकितीकरण को सुविधाजनक बनाता है। इसके साथ ही, मनोहर लाल ने ऑनलाइन पोर्टल डीआरआईपीएस (Disaster Resilient Infrastructure for Power Sector) का भी शुभारंभ किया, जो आपदाओं के समय विद्युत क्षेत्र के लिए त्वरित और प्रभावी राहत की सुविधा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, मंत्री ने थर्मल परियोजनाओं के लिए एक ऑनलाइन निगरानी पोर्टल 'प्रॉम्प्ट' का भी शुभारंभ किया, जो परियोजनाओं की रियल टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण में सहायक होगा, जिससे परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। ये सभी पहलें भारत के ऊर्जा क्षेत्र को अधिक कुशल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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सीईए द्वारा अधिसूचित विनियमों के सार-संग्रह का शुभारंभ करते केन्द्रीय विधुत मंत्री मनोहर लाल

 

मंत्री ने कहा 

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण नियमों के इस संग्रह का विमोचन भारत में विद्युत क्षेत्र के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संग्रह में शामिल प्रावधान ही इन नियमों में एकरूपता लाएंगे और बिजली क्षेत्र के हितधारकों द्वारा अनुपालन में आसानी के लिए एक ही स्थान पर सूचना का एक केंद्रीकृत व आसानी से सुलभ स्रोत प्रदान करेंगे।

“ऑनलाइन पोर्टल डीआरआईपीएस का शुभारंभ, किसी भी प्रतिकूल स्थिति के दौरान देश में बिजली क्षेत्र के पारदर्शी, समन्वित और प्रभावी कामकाज को सक्षम बनाएगा।केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि अत्यावश्यकता के समय मानवीय त्रुटि को कम करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली समय की मांग है। उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि पोर्टल न केवल उत्पादकों और वितरकों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सहायक होगा।

 कहा कि देश में हो रही आर्थिक गतिविधियों के लिए बिजली ही प्रमुख कारक है। इसी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ रही है और जारी योजनाओं एवं थर्मल परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रॉम्प्ट पोर्टल के शुभांरभ से देश में बिजली के क्षेत्र में पारदर्शी, समन्वित और प्रभावी कामकाज संभव हो पाएगा।

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ऐसे करेगा काम 

डीआरआईपीएस पोर्टल प्रभावित जिलों,राज्यों में बिजली क्षेत्र के सभी विभागों और अन्य एजेंसियों के सभी नामित नोडल अधिकारियों के लिए संपर्क के एकल बिंदु के रूप में काम करेगा, ताकि विशिष्ट बिजली प्रणाली उपकरणों और महत्वपूर्ण आपूर्ति की सूची का प्रबंधन किया जा सके, जो आपात स्थिति में राहत प्रदान करने के लिए एक बहुत आवश्यक कदम है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को भारत आपदा संसाधन नेटवर्क (आईडीआरएन) के अनुरूप इस सूची को विकसित करने और इसे राष्ट्रीय विद्युत पोर्टल पर शामिल करने का काम सौंपा गया था।

नए शुरू किए गए इस प्रॉम्प्ट पोर्टल को थर्मल परियोजनाओं की रियल टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण को सुगम करने के लिए बनाया गया है। ये ऑनलाइन मंच परियोजना प्रबंधकों और हितधारकों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सुनिश्चित होता है कि संभावित देरी और मुद्दों की जल्द पहचान हो तथा उनका तुरंत समाधान किया जाए।

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