पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन

पूरे देश में 26 दिसम्‍बर, 2024 से 01 जनवरी, 2025 तक सात दिनों का राजकीय शोक

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन

नयी दिल्ली - केंद्र सरकार ने अत्यंत दुःख के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसम्‍बर, 2024 को एम्स अस्पताल, नई दिल्ली में निधन की घोषणा की है।उनके सम्मान में 26 दिसम्‍बर, 2024 से 01 जनवरी, 2025 तक पूरे देश में सात दिनों का राजकीय शोक मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। राजकीय शोक की अवधि के दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्‍मान के साथ किया जाएगा। विदेश स्थित सभी भारतीय मिशनों/उच्चायोगों में भी अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

प्रधानमंत्री ने निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने कहा, “भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है।” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह साधारण पृष्ठभूमि से उठकर एक सम्मानित अर्थशास्त्री बने।  हमारे प्रधानमंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:

भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक, डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वह एक सम्मानित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

डॉ. मनमोहन सिंह का संक्षिप्त परिचय 

26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के पश्चिमी पंजाब के गाह गांव में जन्मे डॉ. सिंह का शैक्षिक जीवन शानदार रहा। उन्होंने 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स के साथ अपनी ट्राइपोज प्राप्त की। उन्हें 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डी. फिल की डिग्री प्रदान की गई।

डॉ. सिंह ने अपना करियर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में वरिष्ठ व्याख्याता के रूप में शुरू किया और उसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। 1969 में, वे दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर बने। डॉ. मनमोहन सिंह 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), आर्थिक कार्य विभाग के सचिव (नवंबर 1976 से अप्रैल 1980), योजना आयोग के सदस्य सचिव (अप्रैल 1980 से सितंबर 1982) और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (सितंबर 1982 से जनवरी 1985) रहे।

डॉ. सिंह को अनेक पुरस्कार और सम्मान के अलावा भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987) से सम्‍मानित किया गया था। उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995), वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एडम स्मिथ अवार्ड (1956) से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे। आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लाने में उनकी भूमिका अहम है। डॉ. सिंह 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमंत्री बने और मई, 2009 तक पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया। वे मई 2009 से 2014 तक दूसरे कार्यकाल के लिए भी प्रधानमंत्री रहे।

डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महत्वपूर्ण राजनेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया है।

Latest News

बिजलीकर्मियों ने ऊर्जा निगमों के प्रबंधन को नहीं दी नववर्ष की बधाई बिजलीकर्मियों ने ऊर्जा निगमों के प्रबंधन को नहीं दी नववर्ष की बधाई
नयी दिल्ली - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज साल के पहले दिन बिजली कर्मचारियों ने...
निजीकरण के विरोध में देश भर में बिजली कर्मचारियों ने एक घण्टे कार्य बहिष्कार किया
पावर कॉर्पोरेशन प्रबन्धन पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का आरोप
300 से ज्यादा बिजलीकर्मियों के निलंबन से यूपी ऊर्जा क्षेत्र में अशांति
गोरखपुर बिजली पंचायत में निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष का ऐलान
कोयला मंत्रालय ने मीनाक्षी कोयला खदान के लिए निहित आदेश जारी किया
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन
आरआईएनएल ने एपी राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024 प्रतियोगिता में स्वर्ण पुरस्कार जीता
बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा
ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति