निजीकरण के विरोध में देश भर में बिजली कर्मचारियों ने एक घण्टे कार्य बहिष्कार किया

पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन का नव वर्ष पर सामाजिक बहिष्कार

निजीकरण के विरोध में देश भर में बिजली कर्मचारियों ने एक घण्टे कार्य बहिष्कार किया

नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण के विरोध में आज देशभर के लाखों बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने एक घण्टे काम बन्द कर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के बिजली कर्मियों के साथ एकजुटता का परिचय दिया। 

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उप्र के बिजली कर्मी नये साल के पहले दिन काली पट्टी बांध मानव श्रृंखला बनाकर काला दिवस मनायेंगे। नव वर्ष के अवसर पर पॉवर कार्पोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन का बिजली कर्मी सामाजिक बहिष्कार करेंगे।

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स के आहवान पर आज देश भर के बिजली कर्मियों ने मध्याहन 12:00 बजे से 01:00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाई।   

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 नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स की ओर से ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, ऑल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इण्डिया के सेक्रेटरी जनरल प्रशान्त चौधरी, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज के सेक्रेटरी जनरल मोहन शर्मा, इण्डियन नेशनल इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल कुलदीप कुमार और ऑल इण्डिया पॉवर मेन्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल समर सिन्हा ने बताया कि चंडीगढ़ में 20 हजार करोड़ रूपये की बिजली की परिसम्पत्तियां मात्र 871 करोड़ रूपये में निजी कम्पनी एमिनेन्ट इलेक्ट्रिक कम्पनी को सौंपे जाने के विरोध में चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ता भारी संख्या में सड़को पर उतरे हुए हैं।

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कहा कि राजस्थान में विद्युत वितरण के निजीकरण की बिडिंग प्रक्रिया बड़े पैमाने पर शुरू कर दी गयी है। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ हुए दो समझौतों का खुला उल्लंघन करते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय घोषित कर दिया गया है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स ने निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश में निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेगें और उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में देशव्यापी आन्दोलन प्रारम्भ कर दिया जायेगा।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के. दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने बताया कि उप्र के समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता नये साल के पहले दिन 01 जनवरी को पूरे दिन काली पट्टी बांध कर निजीकरण के निर्णय के विरोध में काला दिवस मनायेंगे। 01 जनवरी को बिजली कर्मी भोजनावकाश के दौरान अपने कार्यालय के बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए मानव श्रृंखला बनाकर शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज करेंगे।

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बताया कि बिजली कर्मियों के अनावश्यक तौर पर बड़े पैमाने पर निलंबन और उत्पीड़न के विरोध में बिजली कर्मी नववर्ष पर पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन,शीर्ष प्रबंधन ,पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक का सामाजिक बहिष्कार करेंगे।बताया कि निजीकरण के विरोध में चल रही बिजली पंचायतों के क्रम में आगामी 05 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जायेगी।

 प्रयागराज की बिजली पंचायत के बाद प्रदेश के समस्त जनपदों में बिजली पंचायत आयोजित कर निजीकरण के विरोध में आम उपभोक्ताओं और किसानों को होने वाले नुकसान से अवगत कराया जायेगा। इस हेतु प्रदेश भर में बिजली रथ निकलेगा जिसका विस्तृत कार्यक्रम 05 जनवरी के बाद घोषित कर दिया जायेगा। 

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संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए यह कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन बिजली कर्मियों को बड़े पैमान पर दण्डित कर टकराव का वातावरण बना रहा है किन्तु बिजली कर्मी महाकुम्भ के दौरान बिजली व्यवस्था बनाये रखने में अपना श्रेष्ठतम् योगदान करने हेतु संकल्पबद्ध हैं।संघर्ष समिति का निर्देश है कि महाकुम्भ के दौरान बिजली व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो इस हेतु बिजली कर्मी सतत सजग रहेंगे।

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