ग्रीन अमोनिया के क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि

भारत करेगा जापान को प्रतिवर्ष 1.25 लाख मीट्रिक टन ग्रीन अमोनिया का निर्यात

ग्रीन अमोनिया के क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि


नई दिल्ली- जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के लिए दुनिया में ग्रीन अमोनिया का उत्पादन और निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। फ्यूचर मार्किट इनसाइट के अनुसार वर्तमान में, वैश्विक ग्रीन अमोनिया उत्पादन का बाज़ार मूल्य 2023 में लगभग 82.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, और इसके 2033 तक लगभग 14.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। अब भारत ने ग्रीन अमोनिया को लेकर बड़े संकेत दिए है।भारत से जापान को प्रतिवर्ष 1.25 लाख मीट्रिक टन ग्रीन अमोनिया का निर्यात किया जाएगा। यह समझौता भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश की क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 


भारत और जापान के बीच ग्रीन अमोनिया के निर्यात के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस समझौते की अध्यक्षता की, जो कि दोनों देशों के बीच ग्रीन अमोनिया की आपूर्ति के लिए पहला ऑफटेक समझौता है।


इस समझौते के तहत, सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज भारत में हरित अमोनिया का उत्पादन करेगी, जिसे जापान की क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी द्वारा उनके थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की जगह इस्तेमाल किया जाएगा। सोजित्ज़ कॉर्पोरेशन इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करेगा, और एनवाईके लाइन इसके परिवहन की देखरेख करेगी।

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केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी


सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज, सोजित्ज़ कॉर्पोरेशन, क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी और एनवाईके लाइन के बीच हेड्स ऑफ टर्म्स (एचओटी) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारत से जापान तक सीमा पार हरित अमोनिया आपूर्ति साझेदारी मजबूत हुई। यह समझौता दोनों देशों के बीच इस तरह का पहला सहयोग दर्शाता है, जो वैश्विक हरित ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभुत्व को रेखांकित करता है।


आज एक ऐतिहासिक दिन है

कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रल्हाद जोशी ने इस साझेदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम भारत से जापान को ग्रीन अमोनिया की आपूर्ति के लिए पहली बार समझौता कर रहे हैं। यह समझौता भारत में उत्पादन से लेकर जापान में खपत तक एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे हरित ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य के सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।"

ये भी पढ़ें- ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन को बढ़ावा

श्री जोशी ने यह भी घोषणा की कि ग्रीन अमोनिया के 7.5 लाख टीपीए के लिए निविदा वर्तमान में जारी है, साथ ही 4.5 लाख टीपीए क्षमता के लिए अतिरिक्त निविदाएं भी जारी की गई हैं। ये प्रयास भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं, जिसके तहत हरित हाइड्रोजन के प्रति वर्ष दस लाख टन से अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो भारत की क्षमता और अभूतपूर्व गति से हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के इरादे को दर्शाता है।

स्रोत-पीआइबी 

 

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