लखनऊ-बीते मार्च महीने में बिजलीकर्मियों की हुयी हड़ताल में दंडात्मक कार्यवाही झेल रहे ट्रेड यूनियन के नेताओं के मसले पर ओबरा तापीय परियोजना के दौरे पर आये उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड सहित ऊर्जा निगमों के चेयरमैन डॉ आशीष कुमार गोयल चुप्पी साधे रहे। पत्रकारों से हुयी वार्ता में वे इस मसले पर ज्यादा बोलने से बचते रहे। चेयरमैन के रवैये से स्पष्ट है कि फिलहाल दण्डात्ममक कार्यवाही झेल रहे कर्मचारी नेताओं को राहत नहीं मिलने वाली है।` बुधवार को इस संबंध में वीआईपी गेस्ट हाउस में स्थानीय ट्रेड यूनियनों से भी हुई वार्ता में किसी राहत की उम्मीद नहीं दिखी थी।पूर्व चेयरमैन एम् देवराज के स्थानांतरण से बिजलीकर्मियों में उम्मीद बंधी थी कि नए चेयरमैन के आने से दंडात्मक कार्यवाही को खत्म किया जाएगा।लेकिन नए चेयरमैन के रवैये से स्पष्ट है कि यह मामला अभी भी प्रबंधन के लिए गले की हड्डी की तरह है।
यही हाल कर्मचारी कल्याण से जुड़े सवाल पर भी दिखा। बुनियादी सुविधाओं के बढ़ते आभाव के संबंद्ध में उन्होने कहा कि पहले तो ज्यादा इकाई भी चलती थी।ओबरा इंटर कॉलेज को डीएवी को सौंपने के सवाल पर कहा कि अब तो उसे सौंपा जा चुका है। ओबरा परियोजना चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के सवाल पर कहा कि चिकित्सकों की नियुक्ति का प्रयास करेंगे।ओबरा सी के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की।
वीआईपी गेस्ट हाउस में हुयी प्रेसवार्ता में बताया कि प्रस्तावित ओबरा डी के लिए एनटीपीसी से एमओयू हो चुका है। इस पर शीघ्र आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। ओबरा सी सहित ओबरा डी के लिए अभी तक ऐश डैम की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में ओबरा डी को पर्यावरण स्वीकृति में बाधा आने पर बताया कि सभी आवश्यक तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के बाद ही ओबरा डी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
शीघ्र चलेगी ओबरा सी की पहली इकाई
इससे पहले उन्होने बुधवार शाम को निर्माणाधीन इकाइयों का निरीक्षण करते हुए पुरानी इकाइयों का भी हाल जाना। निर्माणाधीन ओबरा सी की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई के सिंक्रोनाइज होने के बाद चल रहे तमाम तकनीकी परीक्षण के बीच पहुंचे डॉ गोयल ने शीघ्र इकाई के नियमित चालू रहने की बात कही। निर्माण कर रही कोरियन कंपनी दुसान पावर के साथ उन्होंने बैठक कर ओबरा सी की दोनों इकाइयों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कोल हैंडलिंग प्लांट,कोल यार्ड,ऐश डैम सहित कई तकनीकी पहलुओं के बारे चर्चा की।
एनटीपीसी के अधिकारियों से 1600 मेगावाट वाली प्रस्तावित ओबरा डी की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। दौरे के अंत में उन्होंने गुरुवार को जल विधुत परियोजना सहित ओबरा डैम का भी निरीक्षण किया।इस दौरान जल विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता इ.डीबी यादव ने उन्हें आवश्यक जानकारी दी।
ये रहे मौजूद
निदेशक (परियोजना) इं.संजय कुमार दत्ता, मुख्य महाप्रबंधक इं राधे मोहन, महाप्रबंधक (स) इं पीसी अग्रवाल, महाप्रबंधक (जानपद) इं जबर सिंह, महाप्रबंधक (ब) इं योगेश गुप्ता, अधीक्षण अभियन्ता गण इं एके राय, इं निखिल चतुर्वेदी, इं अच्युतेश कुमार, इं सुनील कुमार, इं एके पांडेय, इं एससी मिश्र, इं संजय पाण्डेय, उप महाप्रबंधक (लेखा) अखिलेश त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता गण इं संजय कुमार, इं सदानंद यादव, इं अंकुर सिंह,अनुराग मिश्रा सहित तमाम अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।