ओबरा डी और अनपरा ई के एमओयू ने तैयार की हड़ताल की जमीन
जनवरी 2018 में मिली थी ओबरा डी और अनपरा ई को स्वीकृति
नई दिल्ली ,19 मार्च 2023-लखनऊ में पिछले माह आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ओबरा डी और अनपरा ई में 800-800 मेगावाट की इकाइयों की स्थापना को लेकर जैसे ही एनटीपीसी से यूपी सरकार ने एमओयू साइन किया था, उसकी भनक लगते ही विद्युतकर्मियों ने आर-पार के संघर्ष का एलान कर दिया था।लेकिन सरकार ने इसे समझने में ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। जिसका परिणाम बड़े आंदोलन के रूप में दिख रहा है।विद्युतकर्मियों का आंदोलन फिलहाल 72 घंटे का है, लेकिन आने वाले दिनों में भी यह एमओयू विद्युतकर्मियों के आक्रोश का विषय बना रह सकता है।
लगभग चार वर्षों से राज्य विधुत उत्पादन निगम विस्तारीकरण के तहत ओबरा डी और अनपरा ई को लेकर तमाम तकनीकी तैयारियां कर रहा था। यहाँ तक कि जिस एनटीपीसी से ही उत्पादन निगम दोनों परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करा रहा था उसी एनटीपीसी से ओबरा डी और अनपरा ई के लिए यूपी सरकार द्वारा किया गया एमओयू विद्युतकर्मियों को खटक गया है।रेलवे के बाद सबसे बड़े बोर्ड रहे उत्तर प्रदेश राज्य विधुत परिषद का विखंडन कर चुकी भाजपा सरकार का यूपी के सरकारी बिजली सेक्टर से पहले से ही 36 का आकड़ा रहा है।
ओबरा जहाँ उत्पादन निगम की सबसे पुरानी परियोजना है वहीँ अनपरा सबसे बड़ी परियोजना है। इन दोनों परियोजनाओं से ही राज्य विधुत उत्पादन निगम का अस्तित्व है। इससे पहले अनपरा विस्तारीकरण में लेंको को जबरन स्थापित करने की पीड़ा झेल चुके विद्युतकर्मियों के कान एमओयू के बाद खड़े हो गए। विद्युतकर्मियों ने एमओयू को उत्पादन निगम के अस्तित्व पर संकट की तरह लिया। अस्तित्व पर संकट को देखते हुए विद्युतकर्मियों का आक्रोश 16 मार्च 2023 की रात हड़ताल में बदल गया।
पहले था 800 मेगावाट की दो इकाइयों का प्रस्ताव
1320 मेगावाट क्षमता के ओबरा सी के निर्माण शुरू होने के बाद उत्पादन निगम के निदेशक मण्डल ने जनवरी 2018 में ओबरा डी और अनपरा ई को स्वीकृति दी थी।तब निदेशकों ने दोनों परियोजनाओं में 800 मेगावाट की एक-एक इकाई स्थापित करने को स्वीकृति दी थी। निदेशक मंडल ने ओबरा डी के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) तैयार करने हेतु एनटीपीसी को एकल निविदा के आधार पर सलाहकार नियुक्त करने का अनुमोदन प्रदान किया था ।निदेशक मंडल की बैठक में अनपरा ई में 800 मेगावाट की इकाई लगाने हेतु एनटीपीसी को एकल निविदा के आधार पर फिजिबिलिटी स्टडी कराने का अनुमोदन भी प्रदान किया था ।
निदेशक मंडल ने अनपरा डी हेतु अतिरिक्त एमजीआर की फिजिबिलिटी स्टडी हेतु भी निर्देश दिया था।निदेशक मंडल ने दोनों नई इकाइयों के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय,भारत सरकार से अनुमति के लिए तत्काल प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। जनवरी 2018 में उत्पादन निगम के निदेशक मंडल ने ओबरा अ तापघर की कुल आठ इकाइयों को हटाकर 800 मेगावाट की नई इकाई लगाने को स्वीकृति दी थी। इसके अलावा अनपरा ई की स्थापना के लिए आवासीय परिसर को भी शामिल किया गया था।