यूपी,एमपी और बिहार सहित कई प्रदेशों में जमकर बरसे मेघा
तराई क्षेत्रों में भारी बारिश
नई दिल्ली,8 अक्टूबर 2022 -मानसून के लिए निर्धारित समय के पूरा होने के बाद हो रही जमकर बारिश ने कई प्रदेशों के किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है, वहीँ फसलों की बर्बादी के भी दृश्य सामने आ रहे है। चालू अक्टूबर माह के शुरूआती सात दिन ने कई प्रदेशों के सूखे को खत्म किया है। मानसून सत्र के दौरान भयंकर सूखा झेलने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए पिछले सात दिन काफी सुखद रहे हैं।
यूपी में तो कई जिलों में अत्याधिक बारिश के कारण नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। पिछले सात दिनों के दौरान यूपी में सामान्य से 384 फीसद ज्यादा बारिश हुयी है। वहीँ बिहार में सामान्य से 81 फीसद,उत्तराखंड में 150 फीसद,राजस्थान में 122 फीसद एवं मध्यप्रदेश में 220 फीसद ज्यादा बारिश हुयी है।
तराई क्षेत्रों में मेहरबान हैं बादल
पारम्परिक तौर पर ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र माने जाने वाले हिमालय के तराई क्षेत्रों में इस वर्ष मानसून की अप्रत्याशित बेरुखी दिखाई पड़ी।यूपी के पीलीभीत में सामान्य से 44 फीसद,बहराइच में 37 फीसद,श्रावस्ती में 36 फीसद,सिद्धार्थ नगर में 42 फीसद,महराजगंज में 36 फीसद,कुशीनगर में 63 फीसद,गोरखपुर में 29 फीसद,बस्ती में 39 फीसद,गोंडा में 40 फीसद एवं सीतापुर में 45 फीसद कम बारिश हुयी है। वहीँ बिहार के पश्चिमी चम्पारण में 21 फीसद,पूर्वी चम्पारण में 31 फीसद,सीतामढ़ी में 53 फीसद एवं मधुबनी में 31 फीसद कम बारिश हुयी है। अब पिछले सात दिनों के दौरान तराई के कई जनपद अत्यधिक बारिश से बेहाल हैं।
एक से सात अक्टूबर के बीच यूपी के श्रावस्ती में सामान्य से1830 फीसद,सिद्धार्थ नगर में 1262 फीसद,महराजगंज में 867 फीसद,बलरामपुर में 1302 फीसद,बाराबंकी में 949 फीसद,पीलीभीत में 170 फीसद,बहराइच में 805 फीसद,खीरी में 706 फीसद,कुशीनगर में 255 फीसद,गोरखपुर में 444 फीसद,बस्ती में 590 फीसद,गोंडा में 883 फीसद,देवरिया 481 फीसद एवं सीतापुर में 190 फीसद ज्यादा बारिश हुयी। वहीँ बिहार के पश्चिमी चम्पारण में 343 फीसद एवं पूर्वी चम्पारण में 61 फीसद ज्यादा बारिश हुयी है।
इसके अलावा अयोध्या में 740 फीसद,चित्रकूट में 755 फीसद,लखनऊ में ५२७ फीसद,प्रतापगढ़ में 859 फीसद,सुल्तानपुर में 555 फीसद,बरेली में 583 फीसद,एटा में 965 फीसद,इटावा में 876 फीसद एवं जालौन में 339 फीसद से ज्यादा बारिश हुयी है।