रिकॉर्ड 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स मान्य
नई दिल्ली,3 अगस्त- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज घोषणा की कि भारत ने एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है, जिसके मद्देनजर देश में 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्य किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संख्या परिकल्पना-शक्ति को साबित करती है; एक ऐसी परिकल्पना, जो नवाचार और उद्यमिता आधारित विकास के बारे में हो।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्रदान की है, जो आजादी के 75 वर्ष होने के क्रम में मील का पत्थर है। भारत जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इसी दौरान नवोन्मेष, उत्साह और उद्यमी भावना भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को लगातार गति प्रदान कर रही है।
दिलचस्प बात है कि जहां 10 हजार स्टार्ट-अप्स को 808 दिनों में मान्यता मिली, वहीं अब 10 हजार स्टार्ट-अप्स की मान्यता 156 दिनों में ही कर दी गई। इस हिसाब से प्रतिदिन 80 से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता दी जा रही है – यह दर विश्व में सर्वाधिक है। इससे पता चलता है कि स्टार्ट-अप संस्कृति का भविष्य संभावनाओं से भरपूर और उत्साहवर्धक है।
कुल मान्यता-प्राप्त स्टार्ट-अप्स में से लगभग 12 प्रतिशत आईटी सेवाओं की, नौ प्रतिशत स्वास्थ्य-सुविधा और जीव विज्ञान की, सात प्रतिशत शिक्षा की, पांच प्रतिशत व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाओं की और पांच प्रतिशत कृषि की जरूरतों से सम्बंधित हैं। भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम ने 7.46 लाख रोजगार पैदा किये हैं, और इसमें गत 6 वर्षों में सालाना 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वास्तव में, हमारे कुल स्टार्ट-अप्स में से 49 प्रतिशत टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं, जो हमारे देश के युवाओं की जबरदस्त क्षमता का परिचायक है।