विदाई

विदाई

आज राष्ट्रपति के मेरे कार्यकाल की समाप्ति पर मुझे जो भावभीनी विदाई दी गई, उससे मैं अभिभूत हूं।

नई दिल्ली- भारत के निवर्तमान राष्ट्रपति, राम नाथ कोविन्द को भावभीनी विदाई दी गयी। उन्होंने ट्वीट किया कि विदाई समारोह में राष्ट्रपति महोदया, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी, तीनों सेनाओं के प्रमुख एवं गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति मेरे अविस्मरणीय संस्मरणों में बनी रहेगी। मेरा विश्वास है कि देश की जनता का आशीर्वाद मुझे पूर्ववत मिलता रहेगा।

इससे पहले राष्ट्र के नाम विदाई संदेश में उन्होंने सभी देशवासियों के प्रति तथा आपके जन-प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की। अपने संदेश के अंत में उन्होंने प्रकृति को लेकर गंभीर बात कही। कहा कि हम सबके लिए माता की तरह पूज्य प्रकृति, गहरी पीड़ा से गुजर रही है। जलवायु परिवर्तन का संकट हमारी धरती के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, अपनी जमीन, हवा और पानी का संरक्षण करना है। अपनी दिनचर्या में तथा रोज़मर्रा की चीजों का इस्तेमाल करते समय हमें अपने पेड़ों, नदियों, समुद्रों और पहाड़ों के साथ-साथ अन्य सभी जीव-जंतुओं की रक्षा के लिए बहुत सावधान रहने की जरूरत है। प्रथम नागरिक के रूप में, यदि अपने देशवासियों को मुझे कोई एक सलाह देनी हो तो मैं यही सलाह दूंगा।

 

Related Posts

Latest News

निजीकरण हेतु जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट से बड़े घोटाले की आशंका निजीकरण हेतु जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट से बड़े घोटाले की आशंका
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के दो विधुत वितरण निगमों के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया में शंकाओं के बादल...
तीसरे पक्ष की संस्थाएँ उपभोक्ताओं की छतों पर सौर संयंत्र स्थापित करेंगी
कुल नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 209.44 गीगावाट तक पहुंची
निजीकरण के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति का टेंडर प्रकाशित, विरोध शुरू
ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने के समाचार से बिजली कर्मियों में बढ़ी नाराजगी
एक बार ऊर्जा निगमों को निजी घरानों को सौंप दिया गया तो पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था का होगा निजीकरण
इरेडा ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में दर्ज की उल्लेखनीय वृद्धि
इरेडा ने समझौता ज्ञापन निष्पादन में लगातार चौथे वर्ष 'उत्कृष्ट' रेटिंग प्राप्त की
एनर्जी टास्क फोर्स की होने वाली बैठक से पहले सीएम योगी की ओर निगाहें
लिथियम के आयात पर निर्भर देशों की ऊर्जा सुरक्षा हो सकती है कमजोर