जंगलों के प्रहरी बड़ा देव  

जंगलों के प्रहरी बड़ा देव  

 
 
 
 
 
ओबरा-आदिवासियों एवं वनवासियों के ईष्ट देवता बड़ादेव अब जंगलों की कटाई पर रोक के लिए प्रहरी की भूमिका निभाएंगे।वन बाहुल्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में जंगलों के बीच बड़ा देव की स्थापना कर उन्हें प्रतीकात्मक प्रहरी की संज्ञा दी गयी है। जनपद के चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत पनारी के टोला खाड़र में पारम्परिक श्रद्धा भाव के साथ आदिवासियों द्वारा अपने ईष्ट देवता बड़ा देव भगवान् की स्थापना और पूजा की गयी।पारम्परिक गोड़ी वाद्ययंत्रों के बीच निकली शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिलायें और बच्चे भी शामिल रहे। भीषण गर्मी के बावजूद कठिन जीवनशैली में जीवन यापन के कारण कार्यक्रम में काफी उत्साह देखा गया।इस दौरान कलश स्थापना भी की गयी। कार्यक्रम में जिले सहित अन्य प्रदेशों से गोड़ सहित खरवार,अगरिया, परधान, भील, उंराव आदि जनजातियों के लोग शामिल हुए। आयोजन से जुड़े तिरुमाल सूबेदार गोड़ ने बताया कि आदिवासी का विश्वास प्राकृतिक चीजों में रहा है।  धरती ,आकाश, जल, वायु और अग्नि ही सर्वोच्च शक्ति है और सत्य है।यह सार्वभौमिक सत्य शक्ति ही बड़ादेव है। कहा कि पिछले काफी समय से देखा जा रहा था कि आदिवासी वर्तमान परिस्थितियों में जंगलों को ही क्षति पहुँचाने लगे थे। जो कि स्वयं बड़ादेव के प्रतीक हैं। अब बड़ा देव की स्थापना से इसमें कमी आएगी। कहा कि इस स्थान पर लगातार आयोजन होते रहेंगे। इसमें पेड़ों की कटाई रोकने को लेकर जागरूकता भी पैदा की जायेगी।  गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष तिरूमाल रामाशंकर सिंह पोयाम ने कहा कि अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाकर ही जंगलों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस दौरान प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष रामसिंह पोयाम,जिलाध्यक्ष रामनरेश पोयाम, देवा सिंह  उइके, सूबेदार सिंह गोंड, कमलेश सिंह पोयाम,कैलाश पोयाम,रामबली अगरिया, मोहरलाल भारती, जय सिंह पोयाम,बलेन्दर सिंह पोयाम, रामसनेही पोयाम एवं फुल सिंह खरवार सहित भारी संख्या में आदिवासी मौजूद रहे। 

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