बिजली क्षेत्र में सुधार और स्मार्ट मीटरिंग पर जोर
नई दिल्ली: केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने 16 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में विद्युत मंत्रालय के लिए सांसदों की परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में "पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के कार्यान्वयन" पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्रीपद येसो नाइक, विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।
विद्युत मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की यह बैठक बिजली क्षेत्र में सुधार और उपभोक्ता लाभ को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । आरडीएसएस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से देश के बिजली वितरण प्रणाली को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने की उम्मीद है।
स्मार्ट मीटरिंग के फायदे और प्रयास
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने स्मार्ट मीटर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं और वितरण कंपनियों दोनों के लिए लाभकारी हैं। इससे बिलिंग में त्रुटियां कम होंगी, ऊर्जा दक्षता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। स्मार्ट मीटर की वजह से डिस्कॉम को घाटा कम करने, बिजली खरीद लागत को अनुकूलित करने और नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण में सहायता मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के घंटे 2014 के 12.5 घंटे से बढ़कर अब 22.4 घंटे हो गए हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 23.4 घंटे तक पहुंच गया है। उन्होंने यह भी बताया कि देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है, अब फोकस सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर है।
रूफटॉप सोलर योजना का विस्तार
बैठक में राज्य सरकारों से रूफटॉप सोलर योजना को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत कई सुधार किए गए हैं, जिनमें 10 किलोवाट तक के कनेक्शन के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता समाप्त करना और डीम्ड लोड वृद्धि लागू करना शामिल है।
आरडीएसएस योजना की समीक्षा
आरडीएसएस योजना के अंतर्गत देश में बिजली आपूर्ति के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिरता पर जोर दिया गया है। अब तक 1.12 लाख करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश कार्य प्रगति पर हैं। स्मार्ट मीटरिंग के क्षेत्र में भी तेजी आई है। 11.5 करोड़ स्मार्ट उपभोक्ता मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनसे उपभोक्ताओं को बिजली खपत पर नजर रखने और सटीक बिलिंग में मदद मिल रही है।
आरडीएसएस के अंतर्गत उपलब्धियां
- एटीएंडसी घाटे में कमी: 2021 में 22.32% से घटकर 2023 में 15.37%।
- एसीएस-एआरआर अंतर: 0.69 रुपये/किलोवाट घंटा से घटकर 0.45 रुपये।
- वित्तीय सुधार: वितरण कम्पनियां अब समय पर वार्षिक लेखा-जोखा प्रकाशित कर रही हैं और राज्य सब्सिडी का समय पर भुगतान कर रहे हैं।
बैठक में सांसदों ने योजनाओं की प्रशंसा की और स्मार्ट मीटरिंग के प्रभाव को सकारात्मक बताया। केंद्रीय मंत्री ने सुझावों को लागू करने और उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।