क्रिस्टल संरचना में बदलाव से उर्जा क्षेत्र में नई क्रांति

तापमान वृद्धि पर समरूपता में कमी से ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति

Revolutionary Research in Energy Sector on Crystal Structure Symmetry

विज्ञान की दुनिया में एक अद्भुत शोध ने यह साबित किया है कि बढ़ते तापमान के साथ क्रिस्टल संरचना की स्थानीय समरूपता कम होती है। बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में प्रोफेसर कनिष्क विश्वास के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के मुताबिक, विशेष प्रकार के क्रिस्टलीय पदार्थ - खासकर हैलाइड पेरोव्स्काइट - में तापमान वृद्धि के बावजूद स्थानीय समरूपता घट जाती है। इस खोज के साथ ही शोधकर्ताओं ने क्रिस्टल में अद्वितीय गुण देखे हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार ला सकते हैं।

यह शोध ऊर्जा क्षेत्र में मौलिक रूप से प्रभावशाली बदलाव ला सकता है। एडवांस्ड मैटेरियल्स पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन ने यह साबित किया है कि क्रिस्टल संरचना में असाधारण गुणों को नियंत्रित करके ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार किया जा सकता है। उष्मागतिक विशेषताओं में इन परिवर्तनों को समझकर ऊर्जा प्रबंधन, ऊर्जा उत्पादन, और ताप प्रबंधन के नए आयाम खोले जा सकते हैं।

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प्रोफेसर कनिष्क बिस्वास (बाएं) और आइवी मारिया (दाएं) सॉलिड स्टेट केमिस्ट्री लैब, जेएनसीएएसआर, बेंगलुरू में

 

ऊर्जा क्षेत्र में संभावित लाभ

कम तापीय चालकता

क्रिस्टलीय पदार्थों की स्थानीय संरचना में समरूपता की कमी होने से उनमें तापीय चालकता (thermal conductivity) कम हो सकती है। इसका अर्थ है कि ऊर्जा का नुकसान कम होगा और गर्मी के कारण होने वाली हानि को कम किया जा सकता है। यह थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों में महत्वपूर्ण सुधार ला सकता है, जिनका उपयोग बिजली उत्पादन और उर्जा बचाव के लिए किया जाता है।

थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्री में सुधार

इस अध्ययन से पता चला है कि स्थानीय समरूपता में बदलाव करने से नई थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्रियों का विकास संभव है। थर्मोइलेक्ट्रिक्स ऐसे उपकरण होते हैं, जो तापमान में अंतर के आधार पर बिजली उत्पन्न करते हैं। उष्मागतिक घटनाओं को नियंत्रित करके ऊर्जा उत्पादन में सुधार करना संभव हो सकता है, जिससे ऊर्जा उत्पादकता में वृद्धि होगी।

फोनोनिक्स और ताप प्रबंधन प्रणालियाँ

फोनोनिक्स में, जहाँ ऊष्मा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण होता है, इस शोध के निष्कर्ष नई तकनीक के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। ऊर्जा उद्योग में ताप प्रबंधन की बढ़ती जरूरत को देखते हुए, इन निष्कर्षों से फोनोनिक सामग्रियों का विकास कर अधिक कुशलता से ताप नियंत्रित किया जा सकता है।

सौर तापीय रूपांतरण में उन्नति

सौर ऊर्जा के तापीय रूपांतरण में उपयोग होने वाली सामग्रियों में स्थानीय समरूपता में बदलाव से ऊर्जा रूपांतरण क्षमता में सुधार किया जा सकता है। इन सामग्रियों में इस तरह के गुण सौर तापीय संयंत्रों के प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।

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एक प्रणाली की स्थानीय संरचना के विकास को दर्शाने वाला योजनाबद्ध निरूपण।

 

सस्टेनेबल एनर्जी प्रोडक्शन

शोध से पता चला है कि क्रिस्टल की स्थानीय संरचना को नियंत्रित करके सस्टेनेबल ऊर्जा की प्राप्ति के नए रास्ते खोले जा सकते हैं। ऊर्जा हानि को कम करके, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम की जा सकती है और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ावा मिलेगा।

"एम्फेनिसिस" और ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव

एम्फेनिसिस, एक ऐसी स्थिति जिसमें स्थानीय समरूपता गर्म करने पर घटती है, इस शोध का मुख्य केंद्र है। इस खोज ने ऊर्जा भंडारण और वितरण की क्षमता को कई गुना बढ़ाने की संभावना को जन्म दिया है। विकृत स्थानीय समरूपता के साथ, आयनों के बीच दूरी बढ़ती है, जिससे ऊष्मा को नियंत्रित करना आसान हो जाता है। यह थर्मल प्रबंधन में बहुत मददगार है, खासकर उन उपकरणों में, जो उच्च तापमान में कार्य करते हैं।

प्रकाशन लिंक: https://doi.org/10.1002/adma.202408008



 

 

 

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