वैज्ञानिकों ने विकसित किया यांत्रिक रूप से गेटेड एकल अणु ट्रांजिस्टर

Diagram of a single-molecule transistor operated by mechanical gating

फोटो- फेरोसिन की आण्विक संरचना

इलेक्ट्रॉनिक्स में एक बड़ी सफलता के रूप में, एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज के वैज्ञानिकों ने पारंपरिक विद्युत संकेतों के बजाय यांत्रिक बलों द्वारा नियंत्रित एकल अणुओं का उपयोग करके एक अनूठा ट्रांजिस्टर विकसित किया है। यह ट्रांजिस्टर क्वांटम सूचना प्रोसेसिंग, अल्ट्रा-कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स, और सेंसिंग अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में नई प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

अणु आधारित ट्रांजिस्टर: एक नई खोज

इस नई खोज में, वैज्ञानिकों ने एक पीजोइलेक्ट्रिक स्टैक का उपयोग करके एक मैक्रोस्कोपिक धातु के तार को सावधानीपूर्वक तोड़ा, ताकि फेरोसिन जैसे एकल अणु के लिए सटीक आकार का सब-नैनोमीटर गैप बनाया जा सके। इस तकनीक को यांत्रिक रूप से नियंत्रित ब्रेक जंक्शन (एमसीबीजे) कहा जाता है। यह अणु, जो दो साइक्लोपेंटैडिएनिल (सीपी) रिंगों के बीच एक लोहे के परमाणु से बना है, यांत्रिक हेरफेर के तहत परिवर्तित विद्युत व्यवहार प्रदर्शित करता है।

image003BXL1
ब्रेक जंक्शन सेटअप का आरेख

 

परिणाम और संभावनाएँ

डॉ. अतींद्र नाथ पाल और बिस्वजीत पाबी के नेतृत्व में की गई इस खोज में, सिल्वर इलेक्ट्रोड के बीच फेरोसिन अणुओं के अभिविन्यास ने ट्रांजिस्टर के प्रदर्शन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। आणविक अभिविन्यास के आधार पर, यह उपकरण विद्युत चालकता को बढ़ा या घटा सकता है, जो ट्रांजिस्टर डिज़ाइन में आणविक ज्यामिति के महत्व को दर्शाता है।

इसके अलावा, कमरे के तापमान पर फेरोसिन और सोने के इलेक्ट्रोड के संयोजन में बहुत कम प्रतिरोध पाया गया। इस खोज से कम-शक्ति वाले आणविक उपकरणों के निर्माण की संभावना बढ़ गई है, जो भविष्य में तेज़, हरित, और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास में सहायक हो सकते हैं।

image005VF3Y
दो सिल्वर इलेक्ट्रोड के बीच जुड़े फेरोसिन अणु की यांत्रिक गेटिंग प्रतिक्रिया

 

भविष्य की दिशा

यह ट्रांजिस्टर क्वांटम सूचना प्रोसेसिंग, अल्ट्रा-कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स, और सेंसिंग अनुप्रयोगों के लिए नई संभावनाएँ खोलता है। इस प्रगति से न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में नवाचार की दिशा में नए आयाम जुड़ेंगे, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-संवेदनशील तकनीकों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

संदर्भ:

  1. बिस्वजीत पाबी, जैकब सेबेस्टा, रिचर्ड कोरीटार, ओरेन ताल*, अतींद्र नाथ पाल*। ‘आणविक जंक्शनों में यांत्रिक गेटिंग का संरचनात्मक विनियमन’। नैनो लेट।, 23 (9), 3775–3780 (2023)।

https://doi.org/10.1021/acs.nanolet.3c00043

  1. बिस्वजीत पाबी, स्टेपन मारेक, अद्वितिया पाल, पूजा कुमारी, सौम्या ज्योति रे, अरुणाभा ठाकुर, रिचर्ड कोरीटार, अतींद्र नाथ पाल*। ‘धातु-धातु सह-संयोजक बंधन के माध्यम से एक अत्यधिक चालक एकल आणविक जंक्शन में अनुनाद परिवहन’। नैनोस्केल, 15 (31), 12995-13008 (2023)।

https://doi.org/10.1039/D3NR02585C

Latest News

 कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी
नई दिल्ली- बिजली की बढती मांग को देखते हुए घरेलू कोयले पर आधारित बिजली परियोजनाओं में कोयले के स्टाक में...
चुंबकीय पदार्थों में एमपेम्बा प्रभाव की खोज
ऊर्जा भंडारण में नई क्रांति:मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-आधारित सुपरकैपेसिटर
1.35 लाख क्यूसेक पानी पहुँचने पर बाणसागर बांध के तीन फाटक खोले गये
हालात खराब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं- पीएम मोदी 
अत्याधुनिक स्वदेशी अंडरवाटर सेंसर से लैस हैं 'मालपे' और 'मुलकी'
आईआईएफटी ने रचा इतिहास,नेटवर्किंग में ग्लोबल नंबर 1
भारत के नवदीप ने भाला फेंक में रचा इतिहास
नवदीप,सिमरन और गवित दिलीप पर है स्वर्ण पदक लाने का दबाव
प्रवीण कुमार ने पुरुष हाई जम्प में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक