कोयला परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए 38 प्राथमिकता वाली रेल परियोजनाएं चिन्हित

 कोयला परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए 38 प्राथमिकता वाली रेल परियोजनाएं चिन्हित

नई दिल्ली- कोयला मंत्रालय ने कोयला निकासी अवसंरचना के विकास कार्य को तेज़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत कोयला मंत्रालय ने 38 प्राथमिकता वाली रेल परियोजनाओं को चिन्हित किया है, जिनका उद्देश्य देश में कोयला परिवहन की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएं भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ देश के बिजली संयंत्रों और उद्योगों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए निरंतर और विश्वसनीय कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी।

महत्वपूर्ण परियोजनाएं:
  1. सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन परियोजना:

    • लंबाई: 37.24 किलोमीटर
    • स्थान: ओडिशा
    • लाभ: इस नई डबल लाइन परियोजना से महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) और अन्य निजी खदान संचालकों द्वारा संचालित खदानों से कोयला निकासी में सुविधा होगी। यह परियोजना उत्तर भारत में स्थित बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने की दूरी को कम करेगी, जिससे परिवहन में दक्षता बढ़ेगी।
  2. बरगढ़ रोड-नवापारा रोड सिंगल लाइन परियोजना:

    • लंबाई: 138.32 किलोमीटर
    • स्थान: ओडिशा
    • लाभ: इस परियोजना से तालचेर कोलफील्ड से कोयला निकासी में सुधार होगा। यह नागपुर और पश्चिमी क्षेत्रों की ओर कोयला पहुंचाने के लिए एक छोटा और सीधा मार्ग प्रदान करेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और तालचेर क्षेत्र से कोयला परिवहन की समग्र दक्षता में सुधार होगा।
यह प्रयास “पीएम गति शक्ति विजन” के अनुरूप है, जो एकीकृत योजना और समन्वित समयबद्ध कार्यान्वयन पर आधारित है।
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स्रोत-PIB

 

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