देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध

राष्ट्रीय कोयला सूचकांक में 3.48 फीसद की कमी

देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध

एनसीआई की कमी एक अधिक न्यायसंगत बाजार, आपूर्ति और मांग की गतिशीलता के सुसंगत बनाने का संकेत देती है। पर्याप्त कोयला उपलब्धता के साथ, राष्ट्र अपनी बढ़ती मांगों को पूरा कर सकता है और दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को भी सुनिश्चित कर सकता है। इससे एक मजबूत और टिकाऊ कोयला उद्योग का विकास होगा, जो राष्ट्र के लिए एक समृद्ध भविष्य को बढ़ावा देगा।

नई दिल्ली- जून 2024 में राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) में 3.48% की कमी दर्ज की गई है। इस माह एनसीआई का स्तर 142.13 अंक था, जो जून 2023 में 147.25 अंक था। इस गिरावट का मुख्य कारण बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता है, जो बढ़ती मांगों को पूरा करने में सक्षम है।

image001WEFA (1)

कोयला उत्पादन में वृद्धि: जून 2024 में देश के कोयला उत्पादन में 14.58% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि देश की समग्र ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है और विभिन्न कोयला-आधारित क्षेत्रों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करती है।

प्रीमियम में गिरावट: कोयला नीलामी पर प्रीमियम में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता की पुष्टि करता है। यह गिरावट उद्योग की स्थिति को भी प्रतिबिंबित करती है।

एनसीआई का महत्व: एनसीआई कोयले के मूल्य निर्धारण और बाजार की गतिशीलता को मापने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सूचकांक न केवल कोयले की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि यह बाजार की समग्र स्थिति का भी संकेत देता है। इसमें कोयले की अधिसूचित मूल्य, नीलामी मूल्य और आयात मूल्यों का सम्मिलित योगदान होता है।

राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) एक मूल्य सूचकांक है, जो कोयले की कीमतों की गतिशीलता को दर्शाने के लिए बनाया गया है। इसे वित्त वर्ष 2017-18 को आधार वर्ष मानकर स्थापित किया गया था। एनसीआई बाजार की गतिशीलता के एक विश्वसनीय संकेतक के रूप में कार्य करता है और विभिन्न ग्रेड के कोयले की कीमतों पर आधारित लेन-देन को ध्यान में रखता है।

स्रोत-पीआइबी 

Latest News

ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा दिए गए बयान ने...
भारत में कोयला आयात में कमी
उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन
44000 करोड़ रुपए खर्च के बाद अचानक ऊर्जा निगमों को बेचने पर उठे सवाल
भारत बना अक्षय ऊर्जा की राजधानी: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को निजी घरानों को सौंपने की जल्दबाजी में भारी घपले की आशंका
निजीकरण के मामले ने योगी सरकार की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता
आसान नहीं होगा आईएएस प्रबंधन के लिए बिजलीकर्मियों का विकल्प ढूँढना