अन्वेषण लाइसेंस धारकों के लिए प्रतिपूर्ति की सीमा ₹20.00 करोड़ तक की गई
नई दिल्ली-केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी के नेतृत्व में खान मंत्रालय ने भारत के खनिज अन्वेषण क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहलें की हैं। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) की छठी शासी निकाय की बैठक में 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें एनएमईटी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
श्री रेड्डी ने राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक आंकड़ा कोष (एनजीडीआर) पोर्टल के संवर्धन की घोषणा की, जिससे भूवैज्ञानिक डेटा साझा करने में सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति के लिए संशोधित योजना भी मंजूर की। इसके तहत अन्वेषण लाइसेंस धारकों के लिए प्रतिपूर्ति की सीमा ₹20.00 करोड़ तक कर दी गई है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में खनिज अन्वेषण को बढ़ावा देने और स्टार्टअप्स को उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई और ड्रोन तकनीक में समर्थन देने के लिए भी पहलें की गईं। इसके अलावा, महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज में लगे एजेंसियों के लिए 25% प्रोत्साहन की घोषणा की गई।
श्री रेड्डी ने राज्यों से राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना का आह्वान किया और खनिज अन्वेषण में नवाचार व उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जताई।