एनएलसी इंडिया लिमिटेड का लिग्नाइट आधारित बिजली संयंत्र और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता

एनएलसी इंडिया लिमिटेड का लिग्नाइट आधारित बिजली संयंत्र और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता

जयपुर-एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने 125 मेगावाट क्षमता का लिग्नाइट आधारित बिजली संयंत्र और 1000 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए आज राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनएलसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली और आरवीयूएनएल के देवेंदर सिंघवी की उपस्थिति में एनएलसी इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी (वीसी के माध्यम से), राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केंद्रीय बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, राजस्थान सरकार में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर,  राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव सुधांश पंत और भारत सरकार में कोयला सचिव अमृत लाल मीणा उपस्थित थे।

एनएलसी इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन में 7000 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा निवेश शामिल है। इस एमओयू से जुड़ी परियोजनाओं में, बीकानेर जिले में 125 मेगावाट के लिग्नाइट पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट और 1000 मेगावाट के बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की रूपरेखा शामिल है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा पहल के लिए एनएलसीआईएल की प्रतिबद्धता को और मजबूती मिलती है। इसके अतिरिक्त, 810 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए एलओआई पहले ही जारी किया जा चुका है। यह 2030 तक 6 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय क्षमता के साथ 17 गीगावाट क्षमता वाली बड़ी बिजली कंपनी बनने की एनएलसी इंडिया की कॉर्पोरेट योजना के अनुरूप है। एमओयू का आदान-प्रदान देश की महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा के अनुरूप है, साथ ही, टिकाऊ और मजबूत ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कार्यक्रम के दौरान, उत्पादन क्षमता और पारेषण प्रणाली और वित्तपोषण को बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, पीजीसीआईएल और आरईसी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इन परिवर्तनकारी परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री के सक्रिय विजन और राजस्थान के मुख्यमंत्री की दृढ़ प्रतिबद्धता की सराहना की। भारत सरकार के कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कोयला मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रमों की क्षमताओं में भरोसा व्यक्त किया और कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे और भूमि संबंधी समर्थन के साथ, हस्ताक्षरित परियोजनाओं के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा को खासी मजबूती मिलेगी।

Related Posts

Latest News

बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही अनिश्चितकालीन आन्दोलन की घोषणा
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के दो विधुत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच संघर्ष...
ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति
भारत में कोयला आयात में कमी
उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन
44000 करोड़ रुपए खर्च के बाद अचानक ऊर्जा निगमों को बेचने पर उठे सवाल
भारत बना अक्षय ऊर्जा की राजधानी: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को निजी घरानों को सौंपने की जल्दबाजी में भारी घपले की आशंका
निजीकरण के मामले ने योगी सरकार की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता