4.5 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू

4.5 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली-केन्‍द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आर.के. सिंह ने बताया कि 4 जनवरी 2023 को शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन से 2030 तक प्रति वर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता के विस्‍तार की उम्मीद है।

ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (साइट) योजना (मोड-1-शेयर का हिस्‍सा-I) के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के लिए 450,000 टन की उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादकों के चयन के लिए 10 जुलाई 2023 को चयन अनुरोध (आरएफएस) भी जारी किया गया है। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 12 दिसम्‍बर 2023 है।

7 जुलाई 2023 को साइट योजना (शेयर का हिस्‍सा-I) के अंतर्गत 1.5 गीगावॉट वार्षिक इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माताओं (ईएम) के चयन के लिए चयन अनुरोध (आरएफएस) जारी किया गया है। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर 2023 है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य भारत को हरित हाइड्रोजन और उसके यौगिक के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केन्‍द्र के रूप में विकसित करना है। इस मिशन से हाइड्रोजन और ईंधन प्रकोष्‍ठों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ बहुपक्षीय जुड़ाव और सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। परिणाम-उन्मुख प्रौद्योगिकी विकास, ज्ञान निर्माण और प्रसार के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग कार्यक्रमों के तहत शिक्षा जगत, विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों, उद्योग और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग की सुविधा मिलने की संभावना है।

नई दिल्ली में जी20 नेताओं के घोषणापत्र में एक स्थायी और न्यायसंगत वैश्विक हाइड्रोजन इकोसिस्‍टम बनाने के लिए 'हाइड्रोजन पर जी20 उच्च स्तरीय स्वैच्छिक सिद्धांतों' की पुष्टि की गई जो सभी देशों को लाभ पहुंचाता है। घोषणापत्र में लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं द्वारा समर्थित डब्ल्यूटीओ नियमों के अनुरूप हाइड्रोजन के मुक्त और निष्पक्ष व्यापार पर भी जोर दिया गया।

भारत और सऊदी अरब ने 10 सितम्‍बर2023 को ऊर्जा के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन, अन्य बातों के अलावा, दोनों देशों के बीच हाइड्रोजन, बिजली और ग्रिड इंटरकनेक्शन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सामरिक पेट्रोलियम भंडार और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना करता है।

इसके अलावा, भारत और सऊदी अरब ने 8 अक्टूबर 2023 को इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शनग्रीन/क्लीन हाइड्रोजन और सप्लाई चेन के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

यह रणनीतिक सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद होने की उम्मीद है, क्योंकि वे अपने-अपने देशों के भीतर ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्‍टम के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं।

08 अक्टूबर 2023 को हस्ताक्षरित उपरोक्त समझौता ज्ञापन में शामिल सहयोग के क्षेत्र हैं:-

"दोनों देशों के बीच विद्युत इंटरकनेक्शन के उद्देश्य से आवश्यक व्यवहार्यता अध्ययन (तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरण) का संचालन करना और दोनों देशों में परियोजनाओं का मिलकर विकास और हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा के सह-उत्पादन का संचालन करना।"

यह जानकारी केन्‍द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आर.के. सिंह ने 7 दिसम्‍बर, 2023 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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