भारी तीव्रता के खनन विस्फोट से ओबरा में फैली सनसनी

भारी तीव्रता के खनन विस्फोट से ओबरा में फैली सनसनी

सोनभद्र - गुरुवार को बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुए भारी तीव्रता के विस्फोट से पूरे ओबरा सहित आसपास के क्षेत्रों में तगड़ा कम्पन महसूस किया गया। खदानों में हुए विस्फोट से नगर में सनसनी फैल गयी। विस्फोट की तेज आवाजें बड़े हिस्से तक पहुंची।विस्फोट के दौरान ओबरा परियोजना कालोनी के सेक्टर एक,दो,तीन,चार,आठ और नौ के साथ गैर निगमीय क्षेत्र के बड़े हिस्से में घरों की खिडकियों और दरवाजों में ज्यादा कम्पन महसूस किया गया।

 अत्याधिक क्षमता के खनन विस्फोट से सीमावर्ती रिहायशी इलाकों में बेचैनी की स्थिति पैदा हो गयी।खदानों में हो रहे विस्फोट की तेज आ रही आवाज के साथ सैकड़ो आवासो में हो रहे कम्पन ने हजारो की आबादी को सकते में डाल दिया है। गुरुवार को हुए विस्फोट के बाद सेक्टर नौ और वार्ड 18 के निवासी घरों से बाहर आ गए।उधर बिल्ली मारकुंडी के टोला खैरटिया के भी ग्रामीणों ने तेज कम्पन की बात बतायी।वर्तमान में बिल्ली मारकुंडी के बिल्ली,बघमनवा एवं खैरेटिया से सटे इलाके में दर्जन भर खदान संचालित है । इन खदानों के आबादी से पास होने के कारण ब्लास्टिंग का असर कुछ ज्यादा महसूस किया जा रहा है । 

कई बस्तियां है खनन मुहाने पर

खनन के लिए होते भारी विस्फोट के माहौल में बढ़ती रिहायशी बस्तियों ने खनन नियमो के पुनरीक्षण जैसी स्थिति पैदा कर दी है।आबादी के लगातार बढ़ने के साथ नए रिहायशी बस्तियों के सामने आने से प्रशासन के सामने गंभीर होने की स्थिति पैदा हो गयी है।पिछले डेढ़ दशक में ओबरा पीजी कालेज के पीछे,सेक्टर-9 से सटे न्यू कालोनी,बिल्ली रेलवे स्टेशन कालोनी,कोठा टोला,बिल्ली चढ़ाई एवं शारदा मंदिर क्षेत्र सहित आधा दर्जन ऐसे क्षेत्रो में आबादी एवं नए आवास बढ़ते जा रहे हैं जहां से खनन क्षेत्र काफी करीब है।इन रिहायशी इलाकों में सबसे ज्यादा घरों में कम्पन की शिकायत हो रही है ।इनमे कई बस्ती ऐसी हैं जहां विस्फोट के बाद पत्थरों का उड़ कर घरो तक आना आम बात है।इन बस्तियों के लोगों को विस्फोट के दौरान घरो में दुबकना पड़ता है।

 

Latest News

ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री के निजीकरण समर्थक बयान पर भड़की संघर्ष समिति
नयी दिल्ली - उत्तर प्रदेश के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा दिए गए बयान ने...
भारत में कोयला आयात में कमी
उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन
44000 करोड़ रुपए खर्च के बाद अचानक ऊर्जा निगमों को बेचने पर उठे सवाल
भारत बना अक्षय ऊर्जा की राजधानी: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को निजी घरानों को सौंपने की जल्दबाजी में भारी घपले की आशंका
निजीकरण के मामले ने योगी सरकार की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
"भारत का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024: हरित भविष्य की ओर"
"निजीकरण विरोधी दिवस" मनाकर देशभर के बिजलीकर्मियों ने दिखाई एकजुटता
आसान नहीं होगा आईएएस प्रबंधन के लिए बिजलीकर्मियों का विकल्प ढूँढना