निजी क्षेत्र को खनिज अन्वेषण के प्रति आकर्षित करने के प्रयास
नई दिल्ली- देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची का निर्धारण करने के लिए खान मंत्रालय ने दिनांक 01.11.2022 के आदेश संख्या 11/1/2022-आईसी के माध्यम से संयुक्त सचिव, खान मंत्रालय की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
समिति की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में भारत के लिए महत्वपूर्ण कुल 30 खनिजों की सिफारिश प्रस्तुत की गई है। इसमें दी जानकारी के आधार पर सरकार ने भारत के लिए महत्वपूर्ण 30 खनिजों की सूची जारी की है। ये खनिज हैं एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन , टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम।
खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। एमएमडीआर अधिनियम की धारा 4(1) के दूसरे प्रावधान के तहत अधिसूचित मान्यता प्राप्त निजी अन्वेषण एजेंसियों को पूर्वेक्षण लाइसेंस के बिना अन्वेषण करने की अनुमति दी गई है। इन एजेंसियों को राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने का पात्र भी बनाया गया है। एमएमडीआर अधिनियम की धारा 4(1) के तहत अब तक कुल 14 निजी एजेंसियों को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है। ये एजेंसियां एनएमईटी कोष से 11 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी के लिए किसी क्षेत्र की अधिसूचना के लिए राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है। इसके अलावा, खनिज अन्वेषण में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए गहराई में पाये जाने वाले कुछ और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए कंपोजिट लाइसेंस (सीएल) धारकों के लिए एनएमईटी से अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति जैसे प्रोत्साहनों की पेशकश भी की गई है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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