अमरीका की ऊर्जा सचिव ने ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की
भारत सरकार के केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह की अध्यक्षता में आज, 21 जुलाई, 2023 को गोवा में चल रही 14वीं स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय और 8वीं मिशन इनोवेशन बैठक के संबंध में मंत्रिस्तरीय सम्मेलन शुरू हुआ। कार्यक्रम में भाग लेने वाले 30 से अधिक देशों के मंत्री, प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि मंत्रिस्तरीय उद्घाटन सत्र के दौरान उपस्थित थे। इस सत्र को यहां पर देखा जा सकता है.
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने इस अवसर पर मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा परिवर्तन के मार्ग में आने वाली बाधाओं दूर करने और समस्याओं को हल करने के संभावित तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन हम सभी के लिए चिंता का विषय है और इससे निपटने के लिए हर एक को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। श्री आर के सिंह ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन लगभग 2.29 टन है जबकि विश्व का प्रति व्यक्ति औसत लगभग 6.3 टन है। यह हमारे देश के लोगों की सरल जीवनशैली है, जिसके कारण जो प्रति व्यक्ति कम उत्सर्जन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा परिवर्तन के रास्ते में आने वाली चुनौतियों से निपटने और एक स्थायी भविष्य का निर्माण करने के लिए आगे बढ़ने के तरीके खोजने की आवश्यकता है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भारत ने जीवाश्म ईंधन की खपत में कटौती करने और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% गैर-जीवाश्म स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के अपने लक्ष्य से कहीं अधिक सफलता हासिल कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री ने मंत्रिस्तरीय बैठक में यह जानकारी दी कि भारत में उद्योगों के लिए कार्य क्षमता, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना है, जो उन्हें स्थायी कार्य प्रणालियों को लागू करने हेतु प्रोत्साहित करती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 105 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। उन्होंने बताया कि हम ऊर्जा परिवर्तन के कार्य में में तेजी लाने के लिए सौर, पवन और हाइड्रोजन सहित विभिन्न नवीकरणीय स्रोतों की खोज कर रहे हैं। श्री आर के सिंह ने कहा कि हमने उजाला, स्टार रेटिंग और एलईडी स्ट्रीट लाइट जैसी योजनाओं के साथ लाइटिंग क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता पर भी ध्यान केंद्रित किया है; इनके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 278 मिलियन टन उत्सर्जन में कमी आई है।
बैठक में शामिल हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने मानवता के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जीवाश्म ईंधन से ऊर्जा मिश्रण के बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू करने के लिए यहां पर इकट्ठा हुए हैं, जो वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखती है। नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि हमें एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लक्ष्य के साथ मानवता के लिए स्थायी ऊर्जा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें गैर-जीवाश्म ईंधन या नवीकरणीय स्रोतों का उत्पादन बढ़ाकर जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम से कम करने पर कार्य करना होगा। डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि वर्तमान समय के दौरान ऊर्जा मिश्रण में जीवाश्म ईंधन का बोलबाला है और हमें इस परिदृश्य को बदलना ही होगा।
अमरीका की ऊर्जा सचिव सुश्री जेनिफर एम ग्रानहोम ने ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने में तेजी लाने और जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए विभिन्न राष्ट्रों के बीच जारी सहयोगात्मक प्रयासों एवं साझेदारियों की सराहना की। सुश्री जेनिफर ने स्वच्छ ऊर्जा पहल को आगे बढ़ाने में भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति की प्रशंसा की और ऊर्जा परिवर्तन में सबसे आगे भारत की प्रमुख स्थिति को स्वीकार किया। ऊर्जा सचिव ने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी देशों, व्यवसायों, शहरों और संस्थानों द्वारा स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की सक्रिय भागीदारी के विशेष महत्व का उल्लेख किया। अमरीका की ऊर्जा सचिव ने कहा कि नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग सर्वोपरि है और इसे प्राप्त करने के उद्देश्य से एक साझा लक्ष्य तय करना व एकजुट रहना ही एकमात्र कारगर उपाय है।
मिशन इनोवेशन में सचिवालय के प्रमुख डॉ. एलेनोर वेबस्टर ने जलवायु संकट से निपटने में नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन संकट के बीच नेतृत्व करना कोई जिम्मेदारी ही नहीं है, बल्कि यह एक मुख्य कार्रवाई है। डॉ. एलेनोर ने कहा कि मिशन इनोवेशन उदाहरण के तौर पर नेतृत्व करने के लिए नीतियों को लागू करने के बारे में ही है। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि चुनौती की भयावहता को समझने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग आवश्यक है।
ब्राजील के खान और ऊर्जा मंत्री श्री एलेक्जेंडर सिल्वेरा डी ओलिवेरा ने घोषणा करते हुए कहा कि ब्राजील मिशन इनोवेशन मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है, क्योंकि वह अगले वर्ष जी20 की अध्यक्षता के साथ-साथ मिशन इनोवेशन मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी भी करेगा।
ब्राजील के ऊर्जा मंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा में तेजी लाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में एक सशक्त कदम उठाने, टिकाऊ तथा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल करने की लक्ष्य प्राप्ति में वैश्विक परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। श्री एलेक्जेंडर सिल्वेरा डी ओलिवेरा ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के प्रति ब्राजील के गतिशील दृष्टिकोण ने इसे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख कर्ता के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय और मिशन इनोवेशन के मेजबान की भूमिका ब्राजील को सौंपेगा, हम उसी तरह स्वच्छ ऊर्जा तथा स्थिरता को आगे बढ़ाने में सीईएम-14/एमआई-8 मंच की उपलब्धियों की विरासत को एक ठोस आधार के रूप में इस्तेमाल करेंगे। एलेक्जेंडर सिल्वेरा डी ओलिवेरा ने भारत के योगदान के लिए आभार प्रकट किया।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक, डॉ. फतेह बिरोल; अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) में महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमरा; मुख्य कार्यकारी अधिकारी और स्पेशल रिप्रेजेन्टेटिव ऑफ द यूनाइटेड नेशन सेक्रेटरी जनरल फॉर ऑल (एसईफॉरऑल) व संयुक्त राष्ट्र ऊर्जा आयोग की सह-अध्यक्ष सुश्री दामिलोला ओगुनबियी तथा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने भी स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने विचार साझा किए।
स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम) 29 देशों का एक उच्च-स्तरीय वैश्विक मंच है, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने वाली नीतियों एवं कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, सीखी गई गतिविधियों और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने तथा वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यरत है।
मिशन इनोवेशन (एमआई) स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में तेजी लाने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों तथा नेट जीरो के उद्देश्य प्राप्ति की दिशा में प्रगति के लिए 23 देशों व यूरोपीय कमीशन (यूरोपीय संघ की ओर से) की एक वैश्विक पहल है।