बायोमास को-फायरिंग नीति में संशोधन

बायोमास को-फायरिंग नीति में संशोधन

विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने थर्मल पावर प्लांट (टीपीपी) में को-फायरिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले बायोमास पेलेट्स की कीमतों को बेंचमार्क करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बायोमास पैलेटों के लिए बाजार की उभरती स्थितियों और थर्मल पावर प्लांट, पैलेट निर्माताओं, किसानों, बैंकरों आदि सहित कई हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

बेंचमार्क कीमत में व्यावसायिक व्यवहार्यता, बिजली शुल्क पर प्रभाव और बिजली उपयोगिताओं द्वारा कुशल और तेज पैलेट खरीद को ध्यान में रखा जाएगा। पैलेटों की कीमत बेंचमार्किंग टीपीपी के साथ-साथ पैलेट विक्रेताओं को पैलेट की को-फायरिंग के लिए एक स्थायी आपूर्ति तंत्र स्थापित करने में सक्षम बनाएगी। सीईए के तहत समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया बेंचमार्क मूल्य 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगा।

जब तक समिति की सिफारिशें लागू नहीं हो जातीं, बिजली कंपनियां अपने टीपीपी के लिए बायोमास पैलेटों की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए अल्पकालिक निविदाएं जारी करेंगी।

केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में बायोमास की को-फायरिंग ऊर्जा सुरक्षा, जीवाश्म ईंधन के कम उपयोग और साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की एक प्रमुख नीति है। संशोधित नीति से इन लक्ष्यों को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी।

निर्णय के बारे में बताते हुए, विद्युत सचिव, श्री आलोक कुमार ने कहा कि यह निर्णय किसानों, उद्यमियों के साथ-साथ थर्मल पावर प्रतिष्ठानों को एक स्थायी बायोमास पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने, को-फायरिंग के लक्ष्यों को प्राप्त करने, पराली जलाने को कम करने और भारत के नागरिकों के लिए एक स्वच्छ व हरित भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

नीति के एक अन्य संशोधन में, यह निर्देश दिया गया है कि चूंकि देश में टॉरफाइड बायोमास पैलेटों की उपलब्धता वर्तमान में सीमित है, टॉरफाइड पैलेटों को केवल उन उपयोगिताओं/प्रतिष्ठानों द्वारा खरीदा जाएगा जिनके लिए यह तकनीकी रूप से अपरिहार्य है और प्रतिष्ठान जो गैर-टॉरफाइड पैलेटों का उपयोग कर सकते हैं, उन्हें उनका ही उपयोग करना चाहिए।

बायोमास नीति के अनुरूप, जो थर्मल पावर प्लांटों में कोयले के साथ बायोमास की को-फायरिंग को अनिवार्य करती है, अब तक देश में 64,350 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 47 थर्मल पावर प्लांटों में लगभग 1.80 लाख मीट्रिक टन बायोमास ईंधन को को-फायर किया गया है। इसमें से, वित्त वर्ष 23-24 के पहले दो महीनों के दौरान 50000 मीट्रिक टन से अधिक को-फायर किया गया है, जो कि पिछली अब तक की सबसे अधिक वार्षिक मात्रा को भी पार कर गया है। इसके अलावा, लगभग 1140 लाख मिलियन टन बायोमास पैलेटों से जुड़ी निविदा के विभिन्न चरणों में हैं। थर्मल पावर प्लांटों द्वारा लगभग 69 लाख मिलियन टन बायोमास पैलेटों के खरीद का आदेश दे दिया गया है। समर्थ मिशन के माध्यम से सक्षम नीतियों और एमओपी के प्रयासों के साथ, देश भर में टीपीपी में बायोमास को-फायरिंग की पर्याप्त वृद्धि की परिकल्पना की गई है।

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