ओबरा का उत्पादन शून्य,अनपरा की 500 मेवा की इकाई बंद
अब तक आठ इकाइयां बंद
लखनऊ,18 मार्च 2023-विद्युतकर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल का लगातार असर दिख रहा है। राज्य विधुत उत्पादन निगम की सबसे पुरानी ओबरा तापीय परियोजना का उत्पादन शून्य हो गया है।इसके अलावा अनपरा ब तापघर की 500 मेगावाट वाली पांचवीं इकाई भी शनिवार सुबह बंद हो गयी है। इन इकाइयों से उत्पादन बंद होने से विधुत संकट में भारी इजाफा हो गया है। कर्मचारियों की कमी के कारण ओबरा की 200 मेगावाट वाली चालू शेष दो इकाइयों को भी शनिवार सुबह बंद करना पड़ा। उससे पहले शुक्रवार रात से ही इकाइयों को कोयला फीडिंग में दिक्क्तें आनी शुरू हो गयी थी। सुबह 12 वीं और 13 वीं इकाई को बंद करना पड़ा। इससे पहले शुक्रवार सुबह ओबरा की 200-200 मेगा वाट क्षमता की 9 एवं 11 नम्बर इकाई बंद हो गयी थी। इसके अलावा हड़ताल के कारण अभी तक अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयाँ तथा पारीछा में 210 मेगा वाट क्षमता की 3 नम्बर इकाई बंद हो चुकी हैं।
उधर सरकार के कड़े रवैये एवं हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओबरा अनपरा सहित तमाम परियोजनाओं में शुक्रवार देर रात तक बिजलीकर्मियों का जमावाड़ा रहा। बैठकों में सरकार के कड़े रुख को लेकर कोई ख़ास भय नहीं दिखा। रात्रि पाली के एकत्रित सैकड़ों कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखते हुए विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के समर्थन में नारेबाजी की। आंदोलित कर्मियों ने सामूहिक गिरफ्तारी को लेकर भी चर्चा की है।
हड़ताल के कारण अभी तीन दर्जन से ज्यादा जिलों में विधुत संकट की स्थिति है। सैकड़ों विधुत केंद्रों के ब्रेक डाउन होने से समस्या बढ़ी है। खासकर 33 केवी वाले उपकेंद्र जहाँ संविदा कर्मियों की कमी है वहां हड़ताल का तगड़ा असर पड़ा है। 11 केवी वाले उपकेंद्रों पर संविदा कर्मियों की मौजूदगी से प्रदेश के बड़े क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में हैं।