पुडुचेरी बिजली कर्मियों ने मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद हड़ताल स्थगित किया
पुडुचेरी सरकार केंद्र सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार के लिए करेगी मांग
पुडुचेरी,4 अक्टूबर 2022-पुडुचेरी बिजली कर्मियों की संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है और दीपावली के बाद संघर्ष समिति आंदोलन की पुनः समीक्षा करेगी। इससे पहले कैबिनेट की मीटिंग बीच में रोककर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने हड़ताल पर चल रहे बिजली कर्मियों के साथ लगभग डेढ़ घंटे वार्ता की । वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री के साथ बिजली मंत्री, चीफ सेक्रेटरी, पावर सेक्रेटरी भी मौजूद थे।पुडुचेरी के पावर डिपार्टमेंट के निजीकरण की प्रक्रिया रोकने हेतु मुख्यमंत्री के सामने संघर्ष समिति ने कई बिंदु रखे थे। जिसके बाद अन्ततः मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तमाम तथ्य अभी तक उनके सामने नहीं रखे गए थे।इन तथ्यों के आधार पर वे केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह करूंगा कि निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए।
वार्ता के तुरंत बाद विद्युत मंत्री ने मीडिया के समक्ष साफ तौर पर ये घोषणा की कि बिजली कर्मियों द्वारा रखे गये नए तथ्यों के प्रकाश में पुडुचेरी सरकार केंद्र सरकार से मांग करेगी कि निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के सामने रखे गये बिंदु
1. पुडुचेरी के निजीकरण का औचित्य क्या है ? पुडुचेरी में देश में लगभग सबसे कम टैरिफ है, उपभोक्ता संतुष्ट हैं, हानिया 11.50 प्रतिशत है और पुडुचेरी का पावर डिपार्टमेंट मुनाफा कमा रहा है । ऐसे में निजीकरण का औचित्य क्या है ?
2. पुडुचेरी के पावर डिपार्टमेंट का 100% निजीकरण किया जा रहा है जबकि अन्य स्थानों पर दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, दादरा नगर हवेली दमन एंड दीव और उड़ीसा में 51 परसेंट निजीकरण किया गया है।100% निजीकरण की प्रक्रिया असंवैधानिक है ।वैसे भी मुनाफे के निजीकरण का औचित्य क्या है ?
3. बिजली के निजीकरण हेतु केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट जारी किया था जो अभी भी ड्राफ्ट है। इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है ।सवाल यह है कि जब स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट अभी फाइनल नहीं किया गया है तब किस डॉक्यूमेंट के आधार पर पुडुचेरी का निजीकरण किया जा रहा है। ध्यान रहे स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट में पावर यूटिलिटी की पूरी जमीन मात्र ₹1 में लीज पर देने का प्रावधान है। क्या यह उचित है ?
चंडीगढ़ में 27 हजार करोड़ रुपए की पावर डिपार्टमेंट की परिसंपत्तियों निजी कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपए में देने का निर्णय लिया गया है। क्या इसी प्रकार पुडुचेरी में भी पॉवर डिपार्टमेंट की परिसंपत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल दे दी जाएगी और क्या यह पुडुचेरी और आम जनता के हित में है ?
4. इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद में विगत 8 अगस्त को रखा गया था। संसद ने इसे बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया है। स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। यह बिजली का नया कानून बनाया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा किए बिना पुडुचेरी का निजीकरण क्यों किया जा रहा है ?क्या जल्दी है ?
5. इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) रूल 2022 का ड्राफ्ट अगस्त 2022 के अंत में जारी किया गया है।जिसे भी अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
6. पुडुचेरी का पावर डिपार्टमेंट बिजली के क्षेत्र में एक आदर्श विभाग है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के फाइनल हुए बिना, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 पर स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट फाइनल हुए बिना,इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) रूल 2022 फाइनल हुए बिना ऐसी कौन सी जल्दी है कि मुनाफा कमाने वाले पुडुचेरी पावर डिपार्टमेंट का निजी करण किया जा रहा है? क्या किसी कारपोरेट घराने का दबाव है ?
7. पुडुचेरी में निर्वाचित सरकार है आप जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। आपको केंद्र सरकार का दवाब स्वीकार नहीं करना चाहिए ।जनता का दवाब किसी भी सरकार के जवाब से बड़ा होता है ।