खाना पकाने के क्षेत्र को गैर-कार्बनीकृत करने की कवायद

एनटीपीसी और गुजरात गैस लिमिटेड के बीच ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण करने के लिए समझौता

खाना पकाने के क्षेत्र को गैर-कार्बनीकृत करने की कवायद

नई दिल्ली- एनटीपीसी द्वारा एनटीपीसी कवास में जीजीएल (गुजरात गैस लिमिटेड) के पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) नेटवर्क में ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है। दोनों कंपनियों के बीच मोहित भार्गव, सीईओ, एनटीपीसी आरईएल एंड ईडी आरई, एनटीपीसी और संजीव कुमारएमडी- जीजीएल एंड जीएसपीएल की मौजूदगी में औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।

एनटीपीसी कवास की मौजूदा 1 मेगावाट की अस्थायी सौर परियोजना के विद्युत का उपयोग करते हुए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। इसे पीएनजी के साथ पूर्व निर्धारित अनुपात में मिश्रित किया जाएगा और इसका उपयोग एनटीपीसी कवास टाउनशिप में खाना पकाने वाले अनुप्रयोगों में किया जाएगा। शुरूआत मेंपीएनजी में हाइड्रोजन का मिश्रण लगभग 5 प्रतिशत होगा और इसकी सफलता के बाद इसकी मात्रा को और अधिक बढ़ाया जाएगा।

एनटीपीसी 69 गीगावॉट की स्थापित क्षमता और विविध ईंधन मिश्रण के साथ देश की प्रमुख ऊर्जा कंपनी है। एनटीपीसी समूह द्वारा अगले एक दशक में 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बनायी जा रही है और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में कई पायलट परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

जीजीएल भारत की सबसे बड़ी सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडीकंपनी है और 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 43 जिलों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।

एनटीपीसी कवास की हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना एक पथप्रदर्शक उद्यम है और यह देश में अपने तरह की पहली परियोजना है। यह खाना पकाने के क्षेत्र को गैर-कार्बनीकृत करने और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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